गाजियाबाद। औद्योगिक क्षेत्र साइट चार स्थित इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिग कालेज 2024-25 सत्र के बाद बंद हो जाएगा। इसके विरोध में बृहस्पतिवार को 300 से अधिक छात्रों ने कालेज के गेट पर जमकर हंगामा किया। छात्रों ने कॉलेज के सामने रोड पर जाम लगा दिया। छात्र करीब दो घंटे तक प्रदर्शन करते रहे। पुलिस ने उन्हें समझाकर जाम खुलवाया। एसडीएम और पुलिस की मौजूदगी में प्रबंधन के आश्वासन के बाद दोपहर एक बजे छात्रों ने धरना खत्म किया।
वर्ष 2000 में इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिग कालेज का पहला बैच शुरू हुआ था। कॉलेज की गिनती डा. एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त प्रदेश के सबसे बेहतर कालेजों में होती है। पिछले सप्ताह प्रबंधन ने अचानक कालेज को 2024-25 सत्र के बाद बंद करने का निर्णय लिया। साथ ही कालेज ने नए सत्र 2022-23 के लिए दाखिले लेना बंद कर दिया है। कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. अजय कुमार ने कहा, कॉलेज में कुल 900 सीटें हैं। पिछले कई साल से 500 से 600 सीटों पर ही एडमिशन हो पा रहे हैं। फाइनेंशियल क्राइसिस की स्थिति में कॉलेज को चलाना मुश्किल हो रहा है। इसे देखते हुए प्रबंधन ने कॉलेज को बंद करने का फैसला लिया है।
कालेज बंद होने की जानकारी मिलते ही प्रथम वर्ष के छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने प्रबंधन पर भविष्य से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए गुरुवार सुबह नौ बजे कालेज के गेट पर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। तख्ती और पोस्टरों पर प्रबंधन के खिलाफ नारे लिखकर लाए छात्रों ने रोड जाम कर दिया।
छात्रों ने कहा कि कालेज बंद होने से शिक्षा की गुणवत्ता खराब हो जाएगाी। उन्हें प्लेसमेंट भी नहीं मिलेगी। इसके बाद प्रबंधन ने छात्रों को कालेज के अटल सभागार में बुलाया और उनके सवालों के जवाब दिए। एसडीएम विनय सिंह ने बताया कि प्रबंधन लिखित आश्वासन देने को तैयार हो गया है। अगले सोमवार को 12 बजे छात्रों के साथ बैठक कर उनकी सभी जिज्ञासाओं को शांत करेगा। प्रबंधन में सचिव और गाजियाबाद के वरिष्ठ समाजसेवी ललित जायसवाल भी कालेज पहुंचे और प्रबंधन के सदस्यों के साथ बैठक कर छात्रों को हर संभव सुविधा देने की बात कही।
डायरेक्टर डॉ. अजय कुमार ने कहा कि कॉलेज बंद करने के फैसले से फिलहाल पढ़ रहे छात्रों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इन छात्रों को पूरी पढ़ाई कराई जाएगी और कैंपस प्लेसमेंट भी सुनिश्चित कराया जाएगा। कालेज बंद होने के बाद भी यहां पर एक दफ्तर खुला रहेगा। यदि किसी छात्र को कोई परेशानी आती है तो उसकी मदद की जाएगी। प्रबंधन का कहना है कि कोविड के कारण कॉलेज को काफी आर्थिक नुकसान हुआ। इस घाटे के चलते छात्रों का कोर्स पूरा कराने के बाद कॉलेज बंद कर दिया जाएगा।
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