जयपुर। राजस्थान में पार्टी से बगावत कर कांग्रेस को समर्थन कर रहे बसपा ने अपने सभी 6 विधायकों को राज्यसभा चुनाव के मतदान से रोकने की मांग की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने इस संबंध में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी एक पत्र लिखा है।
राजस्थान विधानसभ चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर 6 प्रत्याशियों के जीत मिली थी। लेकिन संगठनात्मक कमजोरी और कई अन्य आंतरिक मामलों को लेकर बसपा के सभी 6 विधायक अपने ही दल बगावत कर बैठे हैं। अब बसपा सुप्रीमो के निर्देश पर राजस्थान बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्यपाल कलराज मिश्र और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को एक पत्र लिखा है। जिसमें मांग की गई है कि बसपा के टिकट पर जीते राजस्थान के सभी 6 विधायक जो कांग्रेस में शामिल हो गए, उन्हें राज्यसभा चुनाव में मतदान से रोक दिया जाना चाहिए।
राज्यपाल और विधासभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में बसपा की ओर से कहा गया है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में बसपा के टिकट पर 6 प्रत्याशियों जीत दर्ज की थी। विधायक बनने के बाद इन सभी ने असंवैधानिक रुप से बसपा का सपा में विलय कर दिया। बसपा की ओर सभी 6 विधायकों पर दलबदल कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया है। बीएसपी की ओर से कहा गया कि बिना पार्टी हाईकमान की अनुमित कांग्रेस में बसपी के बिलय के कारण इन विधायकों पर दलबदल कानून के तरत मामला चल रहा है। इस पर जल्द ही निर्णय आने वाला है। पत्र में मांग की गई है कि राजस्थान में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले सभी 6 विधायकों को राज्यसभा चुनाव में मतदान से रोका जाए।
दरअसल वर्ष 2018 में राजस्थान में बसपा को 6 सीटें मिली थी। बसपा से राजेंद्र गुढ़ा, लाखन सिंह, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव, जोगिंदर सिंह अवाना और वाजिब अली विधायक बने थे। लेकिन अब इन सभी ने पार्टी से बगावत करके कांग्रेस का दामन थाम लिया है। ऐसे में पार्टी की ओर दलबदल कानून के तहत इन सभी के विरुद्ध बसपा हाईकमान की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई।
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