अलपूझा। केरल के अलपूझा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की एक रैली में बच्चे द्वारा भड़काऊ नारेबाजी को लेकर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। रैली के वायरल वीडियो में मंच से एक बच्चा हिंदुओं व ईसाइयों के खिलाफ आपत्तिजनक नारा लगाता नजर आया था। केरल पुलिस ने जांच के बाद केस दायर कर एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है।
कट्टरपंथी इस्लामी समूह ने अपने ‘गणतंत्र बचाओ’ अभियान के तहत विशाल रैली का आयोजन किया था। वीडियो में एक लड़का नारा लगा रहा है, ‘हिंदुओं को अपने अंतिम संस्कार के लिए चावल रखना चाहिए और ईसाइयों को अपने अंतिम संस्कार के लिए सुगंधित धूप, अगरबत्ती रखना चाहिए। अगर आप शालीनता से रहते हैं तो आप हमारी भूमि में रह सकते हैं और यदि अच्छे से नहीं रहते हैं तो हम आजादी जानते हैं। शालीनता से जियो।’ मौजूद लोग बच्चे के इस नारे को दोहराते सुनाई दे रहे हैं।
पीएफआई की रैली से कुछ घंटे पहले राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं ने शौर्य रैली निकाली और कहा कि देश को देशद्रोही और आतंकवादियों के हवाले नहीं किया जा सकता। पुलिस ने नाबालिग लड़के को अन्य धार्मिक समूहों के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाने के लिए प्रेरित करने के लिए अलपुझा के जिला अध्यक्ष नवास वंदनम और जिला सचिव मुजीब और रैली के दौरान बच्चे को पकड़ने वाले एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया।
घटना के बाद, केरल बाल अधिकार आयोग ने एक मामला दर्ज किया और सात दिनों के भीतर अलपुझा जिला पुलिस प्रमुख से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी। इस बीच, पीएफआई नेता और रैली के आयोजन संयोजक याहिया थंगल ने कहा कि वह भारत को लोकतंत्र के लिए कब्रगाह में बदलने के आरएसएस के एजेंडे का विरोध करना जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा,”आरएसएस के खिलाफ हमारा अभियान जारी रहेगा और इस तरह की एक और रैली कोझिकोड में छह अगस्त को होगी।” उन्होंने कहा, “हम आरएसएस के एजेंडे को स्वीकार नहीं करेंगे कि मुसलमानों को संघ परिवार की दया पर रहना चाहिए।”
पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओएमए सलाम ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद मुद्दे में मुसलमानों को न्याय से वंचित किया गया जो कि आरएसएस के एजेंडे का भी हिस्सा है और बाबरी मस्जिद मुद्दे पर समाप्त नहीं हो रहा है।
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