लखनऊ। यूपी के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलैस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कवायद शुरू कर दी है। सभी कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों के हेल्थ कार्ड बनाने के लिए सभी जिलाधिकारियों और सीएमओ को शुक्रवार को निर्देश जारी किए गए हैं। इसके लिए जिलों में हर सरकारी विभाग में एक-दो कर्मचारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कोषाधिकारी कार्यालय के कर्मियों को भी प्रशिक्षण मिलेगा। हर जिले में नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। प्रदेश में करीब राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों के 22 लाख से अधिक परिवारों को कैशलेस इलाज की सुविधा इसी माह से मिलने की संभावना है। इसके तहत उन्हें निजी अस्पतालों में भी पांच लाख तक का इलाज मुफ्त मिल सकेगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए सभी के स्टेट हेल्थ कार्ड बनाए जाने हैं।
योजना की नोडल स्टेट हेल्थ एजेंसी सांचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी संगीता सिंह ने इस संबंध में पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि स्टेट हेल्थ कार्ड बनाने के लिए योजना की वेबसाइट htt/sects.up.gov.in भी क्रियाशील हो गई है। इसके माध्यम से पोर्टल पर एप्लाई फॉर स्टेट हेल्थ कार्ड बटन पर क्लिक करते हुए कार्ड के लिए आवेदन किया जा सकता है। योजना में ऑफलाइन आवेदन की कोई व्यवस्था नहीं है।
सरकारी कर्मचारी के ऑनलाइन आवेदन का सत्यापन संबंधित आहरण वितरण अधिकारी तथा पेंशनरों के आवेदन का सत्यापन संबंधित कोषाधिकारी द्वारा किया जाएगा। सत्यापन और ईकेवाईसी के जरिए स्टेट हेल्थ कार्ड डाउनलोड भी हो सकेगा।
कर्मचारी-पेंशनर आवेदन में यह रखें ध्यान
-कर्मचारी-पेंशनर से संबंधित डीडीओ/टीओ कोड एवं ट्रेजरी का जनपद।
-कर्मचारी का वर्तमान पे-बैंड/लेवल, पेंशनर का अंतिम पे-बैंड/लेवल।
-पेंशनर का पीपीओ नंबर, बैंक अकाउंट नंबर एवं आईएफएससी कोड
-स्वयं व आश्रितों का आधार नंबर, आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर व आधार पर अंकित विवरण।
-स्वयं व आश्रितों की फोटो।
-किसी आश्रित के विकलांग होने की स्थिति में विकलांगता प्रमाणपत्र।
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