नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कहा है कि नई दिल्ली, मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा भड़काने के लिए टेरर फंडिंग के मामले की जांच कर रही है। एनआईए ने सोमवार को दाऊद इब्राहिम गिरोह से कथित रूप से जुड़े मुंबई और मीरा रोड परिसर में कई ठिकानों पर तलाशी ली थी।
यूएपीए के तहत गिरफ्तार दाऊद के छोटे भाई इकबाल कासकर द्वारा कथित खुलासे के बाद सुबह छापेमारी शुरू हुई। एनआईए ने कहा कि मुंबई में 24 स्थानों और आसपास के मीरा रोड भयंदर आयुक्तालय में पांच स्थानों पर तलाशी ली गई। पूछताछ में दाऊद की दिवंगत बहन हसीना पारकर के बेटे और दाऊद के सहयोगी छोटा शकील के बहनोई सलीम फ्रूट शामिल थे।
एनआईए के मुताबिक, डी-कंपनी के अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्क में दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों हाजी अनीस, छोटा शकील, जावेद पटेल और टाइगर मेमन से जुड़े आतंकवादी शामिल हैं। हथियारों की तस्करी, नार्को आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग, नकली करेंसी का प्रचलन और आतंकी फंड जुटाने के लिए प्रमुख संपत्तियों के अनधिकृत कब्जे और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल कायदा सहित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों के साथ सक्रिय सहयोग की जांच की जा रही है। एनआईए ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है।
एनआईए ने दावा किया है, “सोमवार को दाऊद इब्राहिम के संदिग्ध सहयोगियों के परिसरों की तलाशी के दौरान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, अचल संपत्ति में निवेश के दस्तावेज, नकदी और आग्नेयास्त्रों सहित विभिन्न आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई।”
एनआईए ने मांगी कासकर की हिरासत
कासकर की हिरासत की मांग करते हुए एनआईए ने मुंबई की एक विशेष अदालत को बताया कि डी-कंपनी ने विस्फोटकों और घातक हथियारों का उपयोग करके राजनेताओं, व्यापारियों और अन्य लोगों सहित प्रतिष्ठित व्यक्तियों पर हमला करने के लिए एक विशेष इकाई की स्थापना की थी। इसने यह भी कहा कि यह ऐसी घटनाओं को भड़काने की योजना बना रहा था, जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, मुंबई और अन्य प्रमुख शहरों सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में हिंसा हो सकती है।
नवाब मलिक पर भी हो चुकी है कार्रवाई
इससे पहले ईडी ने आरोप लगाया था कि नवाब मलिक ने डी-गैंग के सदस्यों की सक्रिय मिलीभगत से मलिक के परिवार के स्वामित्व वाली और उनके द्वारा नियंत्रित कंपनी सॉलिडस इनवेस्टमेंट्स के जरिए मुनीरा प्लंबर के स्वामित्व वाली एक संपत्ति को हथिया लिया। ईडी ने आरोप लगाया था, “संपत्ति हड़पने के लिए हसीना पारकर और नवाब मलिक ने इस आपराधिक कृत्य के लिए कई कानूनी दस्तावेजों को साठगांठ कर अंजाम दिया।”
आपको बता दें कि भारत ने संशोधित यूएपीए के तहत इब्राहिम और शकील को आतंकवादी घोषित किया है। पाकिस्तान, जिसने आतंकवादी को शरण दी थी, ने उसे आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधों के तहत रखा है।
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