गर्मी अपने पूरे चरम पर है। पारा 45 पार कर चुका है। लोग परेशान हैं, बीमारियां बढ़ रही हैं। लोगों के साथ-साथ कुत्ते और अन्य जानवर भी परेशान हैं। गर्मियों में कुत्तों में टिक्स, डीहाइड्रेशन, बुखार, उल्टी-दस्त, पेशाब न आना जैसी समस्याएं हो जाती हैं।
गर्मियों में सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि कुत्तों को भी डी-हाइड्रेशन होता है।बिल्लियों, बंदरों और गाय आदि जानवरों को भी लू लगती है। जिससे उन्हें बुखार, पेट दर्द, उल्टी-दस्त आदि दिक्कतें होती हैं। इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी टिक्स की होती है। इससे टिक फीवर भी हो जाता है, जो जानलेवा साबित होता है।
इन प्रजातियों को लगती है ज्यादा गर्मी
जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर, पग, चाउ-चाउ,सेंट बर्नार्ड, स्पिट्ज, बुल मेस्टिफ, डाबरमैन, रोटवीलर, बाक्सर
इन बातों का रखें ध्यान
1- कुत्तों व अन्य जानवरों के पास पीने का पानी हमेशा रखें।
2- ज्यादा गर्मी हो तो दिन में एक से दो बार इलेक्ट्रोल या ग्लूकोज दें।
3- जानवरों को छाया में रखें।
4- अगर कुत्ता ज्यादा हांफ रहा हो तो उसके शरीर को गीले कपड़े से साफ कर दें।
5- कुत्ते को दोपहर में घुमाने न ले जाएं, उसे सुबह या रात में ही घुमाने लेकर जाएं।
6- यदि आपके कुत्ते के शरीर पर ज्यादा बाल हैं तो उसे समय-समय पर कटवाते रहें।बाल कटवाने से उसके टिक्स भी कम पड़ेंगे।
7- खाने में दूध न दें, दही ज्यादा दें। दही-चावल, दलिया जैसी हल्की चीजें खाने में दें।
क्या है हीट स्ट्रेस
कुत्ता जरूरत से ज्यादा हांफता है। उल्टी-दस्त और बुखार के साथ ही उसे पेशाब नहीं आता है। कुछ मामलों में जुकाम और सूखी खांसी भी आती है। इस समस्या के साथ पशु चिकित्सकों के पास हर रोज दर्जनों मामले पहुंच रहे हैं।
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