लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सपा विधानमंडल का नेता चुनाव गया है। इसके साथ तय हो गया है कि वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे। शिवपाल यादव को विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया है। इससे शिवपाल यादव ने नाराजगी भी जाहिर की है।
शनिवार को लखनऊ में हुए विधायक दल की बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि नवनिर्वाचित विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की बैठक हुई। बैठक में अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुना गया है। विधान मंडल दल का नेता अखिलेश यादव ही रहेंगे। सपा के नेताओं ने अखिलेश यादव का स्वागत अभिनंदन किया। विधायक दल के नेता का प्रस्ताव अवधेश प्रसाद ने रखा, जिसका अनुमोदन आलम बदी ने किया। विधान मंडल दल का प्रस्ताव लालजी वर्मा ने किया जिसका अनुमोदन राजेन्द्र चौधरी ने किया।
सपा विधानमंडल दल की बैठक में शिवपाल सिंह यादव को नहीं बुलाया गया जिससे वह नाराज हो गए। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल यादव को सपा के चुनाव चिह्न पर ही जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ाया गया था। शिवपाल यादव ने कहा कि सभी विधायकों को फोन कर बैठक में बुलाया गया लेकिन मुझे पार्टी कार्यालय से कोई सूचना नहीं दी। मैं अब लखनऊ से सीधे इटावा जा रहा हूं। जब मुझे कोई सूचना नहीं दी गई तो मैं बैठक में नहीं जाऊंगा। मैंने समाजवादी पार्टी का प्रचार किया। कुछ जगहों पर मुझे नहीं कहा गया उसके बावजूद मैंने प्रचार किया। उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं कहना है अभी कोई फैसला नहीं ले रहा हूं। मैं समाजवादी पार्टी की तरफ से विधायक हूं।
शिवपाल यादव को न बुलाए जाने पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज सपा के विधायकों को बुलाया गया है। सहयोगी दलों को 28 मार्च को बुलाया जाएगा जिसमें शिवपाल सिंह यादव, पल्लवी पटेल और ओमप्रकाश राजभर सभी शामिल होंगे।
बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव करहल विधानसभा से चुनाव जीते हैं। उन्होंने आजमगढ़ से सांसद के पद से इस्तीफ़ा देकर विधायक बने रहना चुना है। मतलब साफ है कि समाजवादी पार्टी (सपा) भले ही सूबे की सत्ता में वापसी न कर पाई हो लेकिन विधायकों की संख्या बढ़कर सौ के पार हो गई है। ऐसे में मुख्य विपक्षी दल सपा ही है।
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