नई दिल्ली। दिल्ली के हरजोत सिंह सोमवार को यूक्रेन से वापस वतन लौटेंगे। यूक्रेन की राजधानी कीव से भागने की कोशिश में उनकी छाती और पैर पर गोली लगी थीं। इससे वह घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हरजोत का पासपोर्ट भी गुम हो गया था। पोलैंड की सीमा तक जाने के लिए अस्पताल ने उनके लिए एक निजी कार की व्यवस्था की। भारत सरकार ने ही अस्पताल में उनके इलाज का खर्च उठाया।
हरजोत 31 साल के हैं वह आईटी स्पेशलिस्ट हैं। वह उच्च शिक्षा के लिए यूक्रेन गए थे। 27 फरवरी को अपने दो दोस्तों के साथ कीव से भाग निकलने की कोशिश में पश्चिमी यूक्रेन के शहर लिवीव के लिए उन्होंने कैब पकड़ी थी। उन्हें चार गोलियां लगी थीं। इनमें से एक छाती पर लगी थी। सिंह दिल्ली के रहने वाले हैं।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने इस बारे में एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- ‘हरजोत सिंह वह भारतीय हैं जिन्हें कीव में युद्ध के दौरान गोली लग गई थी। अफरातफरी में इनका पासपोर्ट भी गुम गया था। सहर्ष सूचित कर रहा हूं कि हरजोत कल भारत हमारे साथ पहुंच रहे हैं। आशा है घर के खाने और देखभाल के साथ शीघ्र स्वास्थ्यवर्धन होगा।’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया था कि उन्हें हरजोत के केस के बारे में जानकारी है। एंबेसी उनके परिवार के साथ संपर्क में है। उनकी हालत की असल स्थिति का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि हरजोत के साथ अन्य भारतीयों को वापस लाया जाएगा।
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