गाजियाबाद। जनपद में पुलिस ने एक ऐसे बिल्डर को गिरफ्तार किया है जिसने 50 कंपनियां खोलकर 800 से ज्यादा फ्लैट खरीदकर 100 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की है। जिसके बाद वो अपने पूरे परिवार के साथ दुबई भागने की फिराक में था लेकिन इससे पहले कि उसके मंसूबे पूरे हो पाते, पुलिस ने बिल्डर के पूरे परिवार समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
गाजियाबाद के थाना नंद ग्राम क्षेत्र के राजकुमार जैन रेडएप्पल सोसायटी, मंजू जैन होम्स प्राइवेट लिमिटेड, आइडिया बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का डायरेक्टर है। आरोप है कि राजनगर एक्सटेंशन में उन्होंने इस तरह की दर्जनों कंपनियां बनाई गईं। इन कंपनियों के बैनर तले प्लॉट और फ्लैट की आकर्षक स्कीमें लांच की गईं। राजनगर एक्सटेंशन में रहने की चाहत में हजारों लोग इस झांसे में आ गए और पौंजी स्कीम में पैसे लगा दिए। इस तरह फ्रॉड गैंग ने प्लॉट और फ्लैट बुकिंग के जरिए करीब 100 करोड़ रुपए ठग लिए। फिर एक-एक कर कंपनी के सारे दफ्तर बंद होते चले गए।
आरोप है कि राजकुमार ने 800 से ज्यादा फ्लैट खरीदारों और दूसरे लोगों से 100 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। पीड़ितों ने जब अपने पैसे वापस मांगे तो कंपनी में नुकसान होने का बहाना बना दिया। पीड़ितों ने कई बार इस मामले में विरोध प्रदर्शन भी किया। मामले में आरोपी अक्षय जैन ने अपनी पहचान बदलकर देवेन गर्ग के नाम से फर्जी दस्तावेज के जरिए बैंक में खाता भी खुलवाया था। धोखाधड़ी की सारी रकम इसी खाते में जमा कराई जाती थी।
पुलिस ने इस मामले में राजकुमार जैन, बेटे नमन जैन, अक्षय जैन, बेटी अनुशा जैन और पत्नी इंदु जैन के साथ परिवारिक सदस्य ऋषभ जैन और प्रतीक जैन को गिरफ्तार किया गया है।आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी के अलावा, गैंगस्टर एक्ट के साथ-साथ, 29 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से चार लैपटॉप 5 मोबाइल फोन, 13 फर्जी आधार कार्ड, चार पैन कार्ड, दो चेक बुक, एक डेबिट कार्ड और दुबई की नागरिकता का कार्ड भी बरामद किया है।
पुलिस के अनुसार, सभी आरोपियों ने फर्जी नाम-पते पर सऊदी अरब के सिटीजन कार्ड भी बनवा लिए थे। वह जल्द ही विदेश में शिफ्ट होने वाले थे। नमन जैन ने अपना नाम रोहित जैन, राजकुमार जैन की जगह रमेश गर्ग, ऋषभ जैन के स्थान पर सन्नी गर्ग, अनुशा जैन की जगह राखी गर्ग, इंदु जैन के स्थान पर बॉबी गर्ग, अक्षय के स्थान पर देवेन गर्ग और प्रतीक जैन के स्थान पर राहुल गर्ग नाम रख लिया था। अपने पते भी अलग-अलग लिखवा लिए थे।
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