गुरुग्राम। हरियाणा में सार्वजनिक जगहों पर नमाज को लेकर तेज हुए विरोध के बीच गुरुग्राम प्रशासन ने 37 नामित स्थलों में से 8 में सार्वजनिक जगहों पर नमाज की अनुमति वाला आदेश वापस ले लिया है। पिछले कुछ दिनों से पब्लिक प्लेस पर नमाज पढ़ने को लेकर कई हिंदुओ और हिंदू संगठनों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा था और कई स्थानिय लोग भी इस पर आपत्ति जता रहे थे, जिसके बाद प्रशासन ने ये आदेश वापस लिया है।
गुरुग्राम प्रशासन ने जिन जगहों पर नमाज पढ़ने का आदेश वापस लिया है उनमें बंगाली बस्ती सेक्टर 49, V-Block DLF-III, सूरत नगर फेज-1, खेड़ी माजरा गांव के बाहर, दौलताबाद गांव के पास द्वारका एक्सप्रेसवे पर, रामगढ गांव के पास सेक्टर-68, DLF स्क्वायर टॉवर के नजदीक और रामपुर गांव से नखडौला रोड के बीच की जगह शामिल है। वहीं गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर ने इन जगहों के साथ-साथ ऐसी दूसरी जगहों के बारे में पता लगाने के लिए कमिटी का गठन किया है, जहां सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ी जाती हो। इस कमिटी में एसडीएम और एसीपी के अलावा हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
कमिटी सभी पक्षों से बात करके ये तय करेगी कि कहां-कहां नमाज अदा की जा सकती है। साथ ही इसका भी ख्याल रखा जाएगा कि आने वाले समय में सार्वजनिक स्थान या फिर सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी जाए। इसके अलावा जहां पढ़ने की इजाजत मिलेगी वहां के स्थानिय लोगों को इसपर कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए। इस मामले पर गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता सुभाष बोकेन ने कहा कि सिर्फ मस्जिदों, ईदगाह और कुछ सलेक्टेड जगहों पर ही नमाज अदा की जा सकती है। इसके अलावा उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के बीच भाईचारा बना रहे यही हमारा मकसद है।
मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष शहजाद खान ने 8 स्थानों पर नमाज की अनुमति वापस लेने को ‘असंवैधानिक’ बताया। उन्होंने कहा, “हम समिति की बैठक में इसका विरोध करेंगे। मेरी समझ से परे है कि आखिर किस दबाव में यह फैसला लिया गया। खान ने कहा कि हमने अधिकारियों के साथ बैठकों में सहमति जताई थी कि अगर हिंदू समुदाय नमाज की जगह पर पूजा करना चाहता है तो हम सेक्टर 12 वाली जगह से स्थानांतरित हो जाएंगे।
बीते दिन, गुरुग्राम पुलिस ने शुक्रवार की नमाज को बाधित करने का प्रयास करने के लिए हिंदुत्ववादी संगठन के सदस्यों सहित 26 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक मई 2018 में प्रशासन द्वारा हिंदू और मुस्लिम समुदायों के सदस्यों के साथ परामर्श कर 37 स्थलों को नमाज पढ़ने के लिए चिन्हित किया था। मुस्लिम समुदाय को खुले में नमाज अदा करने के लिए जगह देने के प्रशासन के फैसले का विरोध उस समय भी हुआ था।
हालांकि इसको लेकर संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष महावीर भारद्वाज का कहना है कि 2018 में नमाज के लिए नामित स्थानों की लिस्ट फर्जी है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा करने के लिए कोई स्थल निर्धारित नहीं किया गया है। जो लिस्ट प्रचारित की जा रही है उसमें हमारे संगठन के किसी व्यक्ति की सहमति और हस्ताक्षर नहीं है। हमारी मांग हमेशा से यही रही है कि किसी भी सार्वजनिक स्थान पर नमाज अदा नहीं की जाये।
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