नई दिल्ली। कांग्रेस में घमासान के बीच आज सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई। संगठन में बदलाव की की मांग कर रहे कांग्रेसके उन बागी नेताओं पर निशाना साधते हुए जी-23 को सोनिया गांधी ने यह कहकर जवाब दे दिया कि कांग्रेस की परमानेंट अध्यक्ष वही हैं। सोनिया गांधी ने कहा कि वह ही पार्टी की स्थायी अध्यक्ष हैं और उनसे बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेने की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष और संगठन में चुनाव के मद्देनजर हो रही इस बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस का हर सदस्य चाहता है कि पार्टी का पुनरुद्धार हो लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोच्च रखने की जरूरत है। उन्होंने पार्टी नेताओं को आत्म-नियंत्रण और अनुशासन का ख्याल रखने को भी कहा।
बागी नेताओं के समूह ‘जी-23’ गुट पर परोक्ष निशाना साधते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि मैं एक पूर्णकालिक और व्यावहारिक कांग्रेस अध्यक्ष हूं। मैंने हमेशा स्पष्टता की सराहना की है, मीडिया के माध्यम से मुझसे बात करने की कोई आवश्यकता नहीं है; आइए हम सभी ईमानदार चर्चा करें। संगठनात्मक चुनावों और अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सोनिया गांधी ने कहा कि हमने 30 जून तक नियमित कांग्रेस प्रमुख के चुनाव के लिए रोडमैप को अंतिम रूप दिया था मगर कोरोना की दूसरी लहर के कारण समय सीमा अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दी गई। आज हमेशा के लिए स्पष्टता लाने का अवसर है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगामी विधानसभा चुनावों का उल्लेख करते हुए कहा, ”हमारे सामने कई चुनौतियां आएंगी, लेकिन अगर हम एकजुट रहते एवं अनुशासित रहते हैं और सिर्फ पार्टी के हित पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि हम अच्छा करेंगे। वहीं, लखीमपुर खीरी कांड पर बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि लखीमपुर-खीरी की चौंकाने वाली घटनाएं हाल ही में भाजपा की मानसिकता को दिखाती है कि वह किस तरह किसान आंदोलन को देखती है। ये दिखाती है कि भाजपा किसानों द्वारा अपने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए इस दृढ़ संघर्ष से कैसे निपट रही है।
बता दें G-23 से आशय कांग्रेस के उन 23 नेताओं से है जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस में बड़े बदलाव और फुल टाइम प्रेसिडेंट की जरूरत बताई थी। सोनिया ने बिना नाम लिए पार्टी नेताओं को नसीहत भी दी है। पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की थी। आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पार्टी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए।
सिब्बल ने भी पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान के बीच पिछले दिनों पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराए जाने चाहिए।
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