लखीमपुर। लखीमपुर खीरी कांड में आरोपी आशीष मिश्रा के घर के बाहर पुलिस ने शुक्रवार को एक और नोटिस चस्पा किया है। इस नोटिस में उन्हें 9 अक्टूबर को 11 बजे तक पुलिस के सामने पेश होने को कहा गया है। आशीष मिश्रा घटना के बाद से फरार चल रहा है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
लखीमपुर-खीरी के तिकुनिया में हुई किसानों की मौत के मामले में मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने आशीष को शुक्रवार सुबह पूछताछ के लिए बुलाया है। आशीष मिश्र को आज सुबह 10 बजे क्राइम ब्रांच के सामने पेश होना था लेकिन वह पेश नहीं हुआ। जिसके बाद दूसरा नोटिस लगाया गया है।
उधर लखीमपुर घटना के बाद दर्ज किए गए मुकदमें में नामजद आरोपी आशीष मिश्र को अब तक हिरासत में न लिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से सवाल पूछे हैं। कोर्ट ने पूछा है कि क्या हत्या के आरोपियों के अन्य मामलों में भी सरकार नोटिस भेजकर आरोपी को बुलाती है? केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे को अब तक हिरासत में न लिए जाने का आधार क्या है? सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी पर राज्य सरकार की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि किसानों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली के निशान नहीं दिखे, इसलिए उन्हें नोटिस भेजा गया था।
आशीष मिश्रा के खिलाफ दर्ज एफआईआर में दावा किया गया है कि आशीष मिश्रा ने किसानों पर गोलियां चलाई थीं और वह किसानों को कुचलने वाली कार में भी मौजूद थे। आशीष मिश्रा के खिलाफ बहराइच जिले निवासी जगजीत सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी। आशीष मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149 (दंगों से संबंधित), 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (किसी शख्स को चोट पहुंचाना जिससे उसकी जान को खतरा हो), 304-ए (लापरवाही से मौत), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज हुआ है।
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