नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासभा के संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया इस पर भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। भारतीय फर्स्ट सेक्रटरी स्नेहा दुबे ने इमरान खान को याद दिलाया कि सारी दुनिया यह मानती है कि पाकिस्तान की जमीन पर आतंकी पलते भी हैं और खुलेआम उन्हें सपॉर्ट किया जाता है। स्नेहा का वीडिया सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं। अधिकांश यूजर्स का कहना है कि स्नेहा ने बहुत कम उम्र और कम अनुभव होने के बाद भी पाकिस्तान को बड़ी सटिकता से जवाब दिया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के कश्मीर वाले बयान पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के आंतरिक मामलों को दुनिया के मंच पर लाने और झूठ फैलाकर प्रतिष्ठित मंच की छवि खराब करने की कोशिश की है। उनके इस प्रयास पर हमने अपने राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल किया है। लगातार झूठ बोलने की ऐसे मानसिकता वाले बयान सामूहिक सहानुभूति और अवमानना के पात्र हैं।
स्नेहा ने याद दिलाया कि कुछ वक्त पहले ही दुनिया ने अमेरिका में 9/11 हमलों की 20वीं बरसी देखी है और दुनिया यह भूली नहीं है कि इस हमले के पीछे मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में पनाह दी गई थी और यहां की सरकार आज उसे शहीद का दर्जा देती है। दुनिया जानती है कि आतंकी ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में पनाह मिली थी, लेकिन अमेरिका ने उसे मार गिराया। इसके अलावा एक नहीं सैकड़ों सबूत पाकिस्तान के खिलाफ सामने आ चुके हैं, फिर भी पाकिस्तान बेशर्म की तरह मुंह छुपाते हुए अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। हालांकि, दुनिया जानती है कि आतंकवाद का सुरक्षित ठिकाना अगर कोई देश है तो वह पाकिस्तान है, जहां आतंकवाद और आंतकियों को बढ़ावा दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकियों को पालता है जिससे उसके पड़ोसियों को नुकसान पहुंचता है। उसकी नीतियों की वजह से भारत ही नहीं पूरी दुनिया ने परेशानियां झेली हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पाकिस्तान ने उन लोगों के खिलाफ धार्मिक और सांस्कृतिक नरसंहार छेड़ा जो आज बांग्लादेश है। इस साल उस भयानक त्रासदी के 50 साल पूरे हो गए हैं लेकिन पाकिस्तान ने माना नहीं।
भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र महासभा में फर्स्ट सेक्रटरी स्नेहा दुबे ने साल 2011 में पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की थी। उनके पिता एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करते हैं, मां स्कूल में पढ़ाती हैं, जबकि भाई बिजनेस करता है। गोवा में पली-बढ़ीं स्नेहा ने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से ग्रैजुएशन के बाद नई दिल्ली की जवाहरलाल यूनिवर्सिटी से जियॉग्रफी में मास्टर्स की पढ़ाई की। वह हमेशा से इंडियन फॉरन सर्विस जॉइन करना चाहती थीं।
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में दिलचस्पी के चलते उन्होंने जेएनयू में ही स्कूल ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई पूरी की। विदेश सेवा के लिए चुने जाने के बाद स्नेहा दुबे की पहली नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई। फिर अगस्त 2014 में उन्हें भारतीय दूतावास मैड्रिड भेज दिया गया। अभी स्नेहा संयुक्त राष्ट्र में फर्स्ट सेक्रेटरी हैं। घूमने की शौकीन स्नेहा का मानना है कि IFS बनकर उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने का सबसे बेहतरीन मौका मिला है।
Discussion about this post