जासं, गाजियाबाद: शहर में 100 से अधिक सोसायटियां ऐसी हैं, जो रोजाना 100 किलोग्राम से अधिक कचरा उत्सर्जित करती हैं। लेकिन ज्यादातर सोसायटियों में कचरा निस्तारण के लिए न तो कंपोस्ट प्लांट लगे हैं न ही दूसरी व्यवस्था है। इस कारण नगर निगम के पास अधिक कूड़ा आ रहा है। जिसके निस्तारण में परेशानी हो रही है।
ऐसे में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मिथिलेश कुमार ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण विभाग को पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने सोसायटियों को पूर्णता प्रमाण पत्र देने से पहले नगर निगम से सोसायटियों में कचरा निस्तारण की व्यवस्था की जांच कराने के लिए कहा है, जांच के दौरान अगर कचरा निस्तारण की व्यवस्था नियम के तहत पाई जाती है तो नगर निगम ऐसी सोसायटियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करेगा, जिसके बाद ही सोसायटियों को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जा सकेगा। पांच साल के अंदर जिन सोसायटियों को जारी हुए पूर्णता प्रमाण पत्र वहां भी जांच: पिछले पांच साल में जिन सोसायटियों को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, उन सोसायटियों के बारे में भी संबंधित विभाग से जानकारी मांगी गई है। जिससे कि इन सोसायटियों में भी नगर निगम की टीम कचरा निस्तारण की व्यवस्था की जांच कर सके। बयान
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम – 2016 के तहत नगरीय ठोस अपशिष्ट उत्सर्जक जो किसी भी रूप में 100 किलोग्राम प्रतिदिन कूड़े का उत्सर्जन करते हैं। उन्हें थोक अपशिष्ट उत्सर्जक माना गया है। नगर निगम परिक्षेत्र के समस्त थोक अपशिष्ट उत्सर्जक को इस नियम का अनुपालन करना अनिवार्य है। लेकिन कई सोसायटियों में ऐसा नहीं किया जा रहा है। इसलिए सोसायटियों को पूर्णता प्रमाण पत्र न जारी करने के लिए पत्र लिखा गया है।
– डा. मिथिलेश कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी
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