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संभल में पुलिस सिपाही का नाबालिग बेटा दूसरे समुदाय की किशोरी को लेकर भाग गया था। घर से भागते समय दोनों आईडी प्रूफ साथ रखना भूल गए। दिल्ली से अहमदाबाद होते हुए वो बस से गोवा के मडगांव पहुंचे। यहां रहने के लिए वो कई होटलों में गए। आईडी न होने से उनको किसी होटल में कमरा नहीं मिला।
कमरा न मिलने पर दोनों नाबालिगों ने फुटपाथ पर रहकर 15 दिन बिताने पड़े थे। 30 जुलाई को किशोरी ने आधारकार्ड मंगवाने के लिए पिता को फोन किया। तब दोनों का सुराग मिला। सुराग मिलने के बाद पुलिस टीम दोनों को लेने गोवा रवाना हुई थी। अब उनको गोवा से संभल ले आया गया है। मंगलवार को मजिस्ट्रेट के सामने किशोरी का बयान लिया जाएगा।
क्या है पूरा मामला ?
15 जुलाई को संभल जिले के पीआरवी मैं तैनात सिपाही अरविंद का बेटा समीर (15) अपने साथ दूसरे समुदाय की कक्षा 9 की छात्रा किशोरी को लेकर फरार हो गया था। किशोरी के पिता ने सिपाही अरविंद, बेटे समीर, मां और अज्ञात दोस्तों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया था। दो समुदायों से जुड़ा होने के कारण मामले ने तूल पकड़ लिया। इसके बाद दोनों की तलाश के लिए कोतवाली पुलिस की टीमो के साथ ही क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम लगाई गई। किशोरी की तलाश में संभल पुलिस यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली के अलग-अलग शहरों में लगातार 15 दिनों तक उनकी तलाश करती रही, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
ऐसे मिला पुलिस को सुराग
30 जुलाई को देर रात को किशोरी ने पिता को फोन किया। खुद को ले जाने की बात कहकर आधार कार्ड मांगा था। बेटी ने बताया था कि, वो गोवा के मडगांव में है। बेटी से बात होने के बाद पिता ने कोतवाली प्रभारी विकास सक्सेना को जानकारी दी। इसके बाद संभल पुलिस ने गोवा पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद दोनों को तलाश करने के लिए गोवा पुलिस एक्टिव हो गई। उसी रात पुलिस ने दोनों को तलाश कर हिरासत में ले लिया। जब ये जानकारी संभल के एसपी चक्रेश मिश्रा को मिली, तो उन्होंने शनिवार सुबह दोनों को लाने के लिए टीम रवाना की। गोवा पहुंचने के बाद टीम ने दोनों नाबालिगों को लाने की प्रक्रिया पूरी की। पुलिस सोमवार देर रात उनको लेकर चंदौसी स्थित महिला थाने लेकर पहुंची। जहां किशोरी को चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी ले जाया गया। अब दोनों से पूछताछ की जा रही है।
मजिस्ट्रेट के सामने होगा बयान
पुलिस किशोरी को लेकर मंगलवार को कोर्ट पहुंची। जहां मजिस्ट्रेट के सामने किशोरी का बयान दर्ज किया जाएगा। पेश कर किशोरी के बयान दर्ज कराएगी। वहीं, दूसरी ओर मामला दो समुदाए से जुड़ा होने की वजह से पुलिस सतर्कता बरत रही है। इसलिए ही समीर को संभल कोतवाली की जगह गुन्नौर सर्किल के थाने में रखा गया है। जहां उससे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने मां-बाप को भेजा जेल
किशोरी के पिता की ओर से अपहरण का केस दर्ज कराने के बाद मां-बाप को जेल भेज दिया था। 28 जुलाई को पुलिस ने पिता अरविंद और मां बुशरा को गिरफ्तार किया था। अब किशोरी की बरामदगी होने के बाद पुलिस आरोपी युवक का चालान कर आगे की कार्रवाई करेगी। बेटे की करतूत से पिता की नौकरी पर बन आई है।साभार-दैनिक भास्कर
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