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रैपिड और मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए मेरठ जनपद की सीमा में कुल 12 स्टेशनों का निर्माण होना है। इनमें से पांच का निर्माण सरकारी जमीनों पर युद्धस्तर से शुरू हो गया है लेकिन जहां भी निजी जमीन की जरूरत है वहीं पर गाड़ी अटक गई है।
मेरठ। रैपिड और मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए मेरठ जनपद की सीमा में कुल 12 स्टेशनों का निर्माण होना है। इनमें से पांच का निर्माण सरकारी जमीनों पर युद्धस्तर से शुरू हो गया है लेकिन जहां भी निजी जमीन की जरूरत है वहीं पर गाड़ी अटक गई है। जमीनों के मालिक प्रशासन की शर्तो पर जमीन देने को तैयार नहीं हैं। कई दौर की बातचीत के बाद भी बात नहीं बन पा रही है। हालांकि अभी अफसरों ने उम्मीद नहीं छोड़ी है लेकिन बात नहीं बनी तो इनके लिए अधिग्रहण की कार्रवाई करनी पड़ेगी। यही स्थिति दौराला में बनने वाले डिपो की 74 एकड़ जमीन की है। इसके लिए भी तमाम प्रयास विफल हो रहे हैं।
पांच स्टेशनों पर तेजी से काम
रुड़की रोड पर एमईएस कालोनी, बेगमपुल भूमिगत, भैंसाली बस स्टैंड भूमिगत, मेट्रो प्लाजा भूमिगत तथा शताब्दीनगर (संजय वन) स्टेशनों के लिए शत प्रतिशत सरकारी जमीन मिली है। लिहाजा इन पांच स्टेशनों के निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है।
सात स्टेशनों को जमीन का इंतजार
रुड़की रोड पर पहला स्टेशन मोदीपुरम है। इसके लिए आलू फार्म की जमीन तो मिल गई है लेकिन सड़क के दूसरी और पल्हेड़ा गांव की निजी जमीन पर बात नहीं बन पा रही है। दूसरा स्टेशन मेरठ नार्थ पल्लवपुरम फेज एक के बाहर एमडीए की जमीन में बनेगा लेकिन यहां भी एक मंदिर की जमीन नहीं मिल पा रही है। तीसरा स्टेशन डौरली भी जमीन मिलने का इंतजार कर रहा है। ब्रह्मपुरी, रिठानी, परतापुर, मेरठ साउथ आदि स्टेशन निजी भूमि पर बनेंगे। कई दौर की बातचीत के बाद भी भूमि मालिकों से दरों पर सहमति नहीं बन पा रही है।
मेरठ में केवल इन छह स्टेशनों पर रुकेगी रैपिड रेल
1.>>मेरठ साउथ
2.>>शताब्दीनगर
3.>>मेरठ सेंट्रल (मेट्रो प्लाजा)
4.>>बेगमपुल
5.>>मेरठ नार्थ (पल्लवपुरम)
6.>>मोदीपुरम
मेट्रो के लिए बनेंगे छह विशेष स्टेशन
1.>>एमईएस कालोनी रुड़की रोड
2.>>डौरली
3.>>भैंसाली
4.>>ब्रह्मपुरी
5.>>रिठानी
6.>>परतापुर
अभी नहीं मानी हार, भू स्वामी नहीं माने तो करेंगे अधिग्रहण
जिला प्रशासन और एनसीआरटीसी अफसर प्रयास कर रहे हैं। अभी फिर से भू स्वामियों से वार्ता की तैयारी है। जिला स्तरीय भू क्रय समिति के सदस्य एडीएम वित्त सुभाष चंद्र प्रजापति ने बताया कि भू स्वामियों को सीधे जमीन देने के लिए तैयार करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। बात नहीं बनती है तो जमीन का अधिग्रहण करना होगा।
आगे खिसक सकता है डिपो
रैपिड रेल को मुजफ्फरनगर तक ले जाने की भी कोशिश की जा रही है। इसके लिए सर्वे हो रहा है। इन हालात में एनसीआरटीसी दौराला में प्रस्तावित डिपो को इससे आगे के किसी अन्य गांव में भी प्रस्तावित कर सकती है। दौराला से आगे ग्रामीण क्षेत्र में उसे डिपो के लिए आसानी से जमीन मिल सकती है।
डिपो के लिए चाहिए 74 एकड़ जमीन
रैपिड रेल का डिपो दौराला गांव और नगर पंचायत क्षेत्र की जमीन में बनाने की तैयारी है। इसके लिए 74 एकड़ जमीन की जरूरत है। जमीन के मालिकों से पिछले लगभग दो साल से जिला स्तरीय भूमि क्रय समिति बात कर रही है। नियमानुसार नगरीय क्षेत्र की जमीन के लिए सर्किल रेट का दोगुना दाम दिया जा सकता है लेकिन किसान दौराला से सटे सिवाया गांव के बराबर मूल्य की मांग कर रहे हैं।साभार-दैनिक जागरण
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