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गाजियाबाद। नगर निगम ने दो दिन पहले बोर्ड बैठक में सालाना आय व व्यय का ब्यौरा दिया। इसमें एक साल में पानी की बिक्री से महज एक लाख 740 रुपये की आय बताई। इस पर पार्षदों ने सवाल उठाते हुए जांच की मांग की है। उधर, नगर निगम ने महज आठ माह में ही यूपी गेट पर कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों को 1.20 करोड़ रुपये का पानी निश्शुल्क उपलब्ध कराया है। इसमें पानी की खूब बर्बादी भी हुई है। यह हाल तब है, जब नगर निगम के पास पेयजल आपूर्ति के लिए रोजाना 346 एमएलडी की मांग के सापेक्ष 78 एमएलडी पानी की कमी रहती है।
दरअसल, नगर निगम के पास शहरियों के लिए पर्याप्त पानी नहीं है। सिर्फ 70 फीसद क्षेत्रों में ही पाइपलाइन से जलापूर्ति होती है। इनमें भी कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होती है। मजबूरी में लोग एक रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बाजार से पानी खरीदकर पीते हैं। 30 फीसद क्षेत्र में लोग पेयजल पाइपलाइन न होने से रोजाना बाजार से पानी खरीदते हैं। वहीं अगर नगर निगम यहां पर पानी की आपूर्ति टैंकर के माध्यम से करे तो लोगों को राहत मिल सकती है। उनको महंगे दाम पर बाजार से पानी खरीदकर नहीं पीना पड़ेगा। औसतन 100 टैंकर पानी रोजाना खर्च:
पिछले आठ माह में रोजाना औसतन 100 टैंकर जलापूर्ति यूपी गेट पर हुई। प्रदर्शनकारियों की संख्या में कमी आने से वर्तमान में रोजाना 60 टैंकर पानी की आपूर्ति होती है। एक टैंकर में चार हजार लीटर पानी आता है और इसकी कीमत पांच सौ रुपये है। यूपी गेट पर नगर निगम जरूरत पर रात को 12 बजे भी पानी के टैंकर भेजता है।
यहां नहीं होती है पेयजल आपूर्ति:
राजनगर एक्सटेंशन, सिहानी, अकबरपुर बहरामपुर, महरौली, डूंडाहेड़ा सैनविहार, सुदामापुरी, महाराणा विहार, खैराती नगर, भीमनगर, बागू, इंदिरा कालोनी, राहुल विहार, सिद्धार्थ विहार, गुलधर, न्यू फ्रेंडस कालोनी, रईसपुर, सदरपुर, महेंद्रा एन्क्लेव, बयाना, काजीपुरा, नायफल, मैनापुर, बम्हैटा, सिकरोड, कनावनी, भोपुरा, मोरटा में पेयजल पाइपलाइन न होने से नगर निगम द्वारा पानी की आपूर्ति नहीं की जाती है।
बाक्स..
एक नजर में..
वर्तमान में पेयजल की मांग-346 एमएलडी
कुल जल का उत्पादन-344 एमएलडी
एनआरडब्लयू – 22 फीसद
प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता-134 एलपीसीडी
वर्तमान में आपूर्ति हो रही जल की मात्रा – 268 एमएलडी
वर्तमान में पेयजल की कमी – 78 एमएलडी
वाटर टैंकरों की संख्या – 54
कुल क्रियाशील हैंडपंपों की संख्या -6,883
वर्जन..
पानी की बिक्री से एक साल में एक लाख रुपये की कमाई हुई है। वर्तमान में रोजाना 60 टैंकर पानी यूपी गेट पर भेजा जाता है। ऐसे में पानी की ज्यादा बिक्री नहीं हो पा रही है। – योगेश श्रीवास्तव, महाप्रबंधक, जलकल, नगर निगम।
नगर निगम को पानी की बर्बादी रोकनी चाहिए। सिर्फ पेयजल के लिए ही पानी उपलब्ध करवाया जाए। यूपी गेट पर पानी की बर्बादी रुकेगी तो अन्य जगहों पर भी पेयजल आपूर्ति हो सकेगी। ऐसे में लोगों को महंगे दाम पर बाजार से पानी नहीं खरीदना पड़ेगा। -राजीव शर्मा, पार्षद।
साभार दैनिक जागरण
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