हर किसी के पास कोई न कोई आर्ट होती है। कोई लिखने में दिलचस्पी रखता है तो कोई बेहतर पेंटिंग्स और ड्रॉइंग बनाता है, लेकिन बहुत कम लोग ही अपने आर्ट को एक प्लेटफॉर्म दे पाते हैं। अपने पैशन को प्रोफेशन में बदल पाते हैं। महाराष्ट्र के अमरावती जिले की रहने वाली बकुल खेतकडे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। करीब 7 साल तक अलग-अलग बड़ी कंपनियों में काम भी किया, लेकिन फिर जिंदगी में कुछ ऐसे मोड़ आए कि वे इंजीनियर से पेंटर बन गईं। 6 महीने पहले उन्होंने अपने पैशन को प्रोफेशन में बदल दिया। अभी बकुल मंडला आर्ट और मधुबनी पेंटिंग्स के जरिए हर महीने 50 हजार की कमाई कर रही हैं।
घर की जिम्मेदारियों की वजह से नौकरी छोड़नी पड़ी
31 साल की बकुल एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखती हैं। 2011 में इंजीनियरिंग के बाद उनका कैंपस प्लेसमेंट हो गया। एक मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छे पैकेज पर नौकरी मिल गई। मुंबई, पुणे, बेंगलुरु सहित कई शहरों में उन्होंने अलग-अलग कंपनियों में काम किया। सबकुछ ठीक चल रहा था। इसी बीच 2019 के शुरुआत में उन्हें सेटबैक लगा। बकुल के पिता की डेथ हो गई। इसके बाद वे घर लौट आईं। यहां आने के बाद परिवार की जिम्मेदारियां बढ़ गईं और वे वापस जॉब के लिए नहीं जा सकीं।
बकुल कहती हैं कि घर की जिम्मेदारियों के बीच मैं वापस नौकरी के लिए तब नहीं जाना चाहती थी। मेंटली थोड़ा परेशान भी रहती थी, क्योंकि जॉब के दौरान खुद के लिए वक्त नहीं निकाल पा रही थी। इसलिए ऑनलाइन मेडिटेशन के लिए कुछ न कुछ सर्च करते रहती थी। इसी दौरान मुझे मंडला आर्ट के बारे में जानकारी मिली। लोग मेडिटेशन के लिए इसका भी इस्तेमाल करते हैं।
बकुल को पहले से कोई खास लगाव पेंटिंग को लेकर नहीं था, लेकिन जब उन्होंने मंडला आर्ट देखी तो खुद भी बनाने की कोशिश की। थोड़ी बहुत कोशिश के बाद उन्होंने एक दो पेंटिंग्स बनाईं। वे कहती हैं कि तब जो भी उनकी पेंटिंग्स देखता था, उसे काफी पसंद आता था। इससे मेरा मनोबल बढ़ता गया और मैं अलग-अलग तरह की पेंटिंग्स बनाने लगीं।
लोगों को पसंद आने लगी पेंटिंग्स तो बिजनेस का आया आइडिया
बकुल बताती हैं कि शुरुआत में ये मेरा बिजनेस प्लान नहीं था। मैं तो शौक से बनाती थी और अपने रिश्तेदारों को गिफ्ट के रूप में देती थी। इसी दौरान मैं एक दोस्त के पास कुछ दिनों के लिए ऑस्ट्रेलिया गई। वहां भी मेरी पेंटिंग्स को काफी पसंद किया गया। इसके बाद मैं इंडिया लौट आई।
वे कहती हैं कि 2020 की शुरुआत में मैं फिर से करियर प्लान कर रही थी, क्योंकि नौकरी भी जरूरी थी, कब तक घर में बैठी रहती। इसी बीच कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गया और मैं वापस नौकरी के लिए नहीं जा सकी। इसी तरह घर में पेंटिंग करते, कुछ नया सीखते वक्त बीतता गया। वे अपनी पेंटिंग्स सोशल मीडिया पर पोस्ट करती थीं।
बकुल को पहला ऑर्डर अमरावती में ही पिछले साल दीवाली के टाइम मिला। उन्होंने तय वक्त पर पेंटिंग बनाकर ऑर्डर पूरा भी किया। उनके लिए ये टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। बकुल को लगा कि इस काम को अब प्रोफेशन के रूप में शुरू किया जा सकता है। फिर क्या था उन्हें सोशल मीडिया पर अपनी पेंटिंग्स को पोस्ट करना शुरू कर दिया।
हर महीने 20-25 ऑर्डर आ रहे
बकुल बताती हैं कि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से उनका काम बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन के चलते वे मार्केट से रॉ मटेरियल नहीं ला पाईं और कुछ महीने उनका काम बंद रहा। इस साल मई से उनका काम फिर से रफ्तार पकड़ने लगा। अभी उन्हें दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित देशभर से ऑर्डर आ रहे हैं और कुरियर के ज़रिए वे अपनी पेंटिंग्स की डिलीवरी भी कर रही हैं। हर महीने 20-25 ऑर्डर उन्हें मिल रहे हैं।
अभी वे सोशल मीडिया और वॉट्सऐप के जरिए मार्केटिंग कर रही हैं। जल्द ही वे अपनी कंपनी भी रजिस्टर करेंगी और ई कॉमर्स वेबसाइट के जरिए अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करेंगी। मंडला आर्ट के साथ ही वे मधुबनी पेंटिंग, कैनवास पेंटिंग्स, फ्लोरा आर्ट जैसे डिजाइन भी तैयार कर रही हैं। उनकी एक पेंटिंग की कीमत एक हजार रुपए से लेकर 9 हजार रुपए तक है। अलग-अलग साइज के हिसाब से अलग रेट हैं। कई कस्टमर्स खुद की डिमांड के मुताबिक भी उनसे प्रोडक्ट तैयार करवाते हैं।
आप पेंटिंग्स और आर्ट से कैसे कमाई कर सकते हैं?
इस फील्ड में करियर ग्रोथ और पैसा दोनों भरपूर है। कई आर्टिस्ट की पेंटिंग्स तो लाखों-करोड़ों में भी बिकती है। भारत में छोटे शहरों के आर्टिस्ट भी इससे अच्छी कमाई कर रहे हैं। बड़े शहरों में यहां तक कि विदेशों में भी हमारे फोक पेंटिंग की डिमांड है। हालांकि अभी भी कई छोटे शहरों या ट्राइबल पेंटिंग्स को उतना बड़ा कमर्शियल प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाया है।
बकुल के मुताबिक अगर कोई इस फील्ड में करियर बनाना चाहता है तो सबसे जरूरी चीज है उसका इंटरेस्ट। अगर उसे पेंटिंग बनाने में और कुछ नया सीखने में दिलचस्पी है तो वह आसानी से ये काम कर सकता है। इसके लिए बहुत ज्यादा बजट की जरूरत नहीं होती है। मैंने तो 500 रुपए से भी कम की लागत से ये काम शुरू किया था।
कहां से ले सकते हैं ट्रेनिंग?
पेंटिंग और आर्ट सीखने के लिए देशभर में कई छोटे-बड़े संस्थान हैं। जहां से आप डिग्री और डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। ज्यादातर कोर्स फाइन आर्ट के नाम से होते हैं। इसमें बैचलर्स, मास्टर्स और डिप्लोमा कोर्स होते हैं। बड़े संस्थानों की फीस थोड़ी महंगी होती है। छोटे या सरकारी संस्थानों की फीस उसके मुकाबले कम होती है।
इसके अलावा आप सोशल मीडिया के जरिए ऑनलाइन भी पेंटिंग सीख सकते हैं। बकुल ने भी ऑनलाइन ही पेंटिंग सीखी है और अभी भी सीख रही हैं। इसमें आप जितना प्रैक्टिस करेंगे, नया और क्रिएटिव सोचेंगे, उतना ही आप बेहतर करेंगे। साभार-दैनिक भास्कर
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