गाजियाबाद : कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों को लाभ देने के लिए जिला प्रशासन ने खाका खींच लिया है। रविवार को मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल अनाथ बच्चों से मिलने पहुंची। उन्होंने कहा कि अनाथ बालिकाओं की शादी के लिए सरकार एक लाख एक हजार रुपये देगी। कक्षा नौ से ऊपर या व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को लैपटाप दिया जाएगा। उनकी संपत्ति की सुरक्षा के लिए जिला मजिस्ट्रेट संरक्षक होंगे। यदि कोई विवाद होता है तो मुफ्त में कानूनी सहायता दी जाएगी।
बच्चों को राहत देने को खींचा गया खाका मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाला के अनुसार जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र के नेतृत्व में महिला कल्याण विभाग की टीम ने बच्चों की समस्याओं के बारे की जानकारी प्राप्त की। बच्चों की मानसिक काउंसलिग की जा रही है। जो बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं, उनकी फीस माफ कराने की कवायद शुरू कर दी गई है। परिवारों को निश्शुल्क राशन उपलब्ध कराया जाएगा। परिवार में यदि पति की मौत हो गई है तो पत्नी के लिए पेंशन आदि की व्यवस्था की जाएगी। चिह्नित किए गए 119 बच्चों को पात्रता के अनुसार लाभ दिया जाएगा। इनमें 21 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता-पिता दोनों की कोरोना से मौत हो गई है।
लाभ लेने की श्रेणियां दस साल तक बच्चों के लिए बैंक खाते में प्रतिमाह चार हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। लेकिन इसके लिए स्कूल में दाखिला होना चाहिए। अनाथ होने वाले बच्चों को कक्षा छह से 12वीं तक के बच्चों की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालय और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में दाखिला दिलाया जाएगा। स्कूल के अवकाश के दौरान भी तीन माह तक चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य आदि की रिपोर्ट हर तीन माह बाद जनपद स्तरीय टास्क फोर्स के समक्ष पेश की जाएगी। साभार-दैनिक जागरण
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