गाजियाबाद जिले के 55 कोविड अस्पतालों में अब बेड खाली होने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी
गाजियाबाद : जिले के 55 कोविड अस्पतालों में अब बेड खाली होने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में भी इसका जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार 103 आक्सीजन बेड, 33 आइसीयू और 16 वेंटिलेटर बेड खाली दर्शाए गए।
कुल 2,820 आक्सीजन बेड के सापेक्ष 2,717, 815 आइसीयू बेड के सापेक्ष 782 और 201 वेंटिलेटर बेड के सापेक्ष 185 पर मरीज भर्ती हैं। ठीक एक दिन बाद सोमवार को इस रिपोर्ट से भी अधिक बेड खाली हो गए। यानी मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद खाली होने वाले बेडों की संख्या बढ़ गई। 367 आक्सीजन बेड और 65 आइसीयू बेड खाली हो गए हैं। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन गंभीर मरीजों को आइसीयू में भर्ती कराया है तो पांच को आक्सीजन बेड पर भर्ती कराया है। खास बात यह है कि सात दिन में अस्पतालों ने खुद ही 208 आक्सीजन बेड बढ़ा दिए हैं। जिले में दो सरकारी एवं निजी कोविड एल-1 स्तर के अस्पताल हैं। कोविड एल-2 अस्पतालों की संख्या दस है। एल-3 स्तर के अस्पतालों की संख्या 43 है। कई बार अफसरों के निरीक्षण पर भी निजी कोविड अस्पतालों की मनमानी जारी रही और संक्रमितों को बेड नहीं मिले। पीपीई किट पहनकर अफसरों को कोविड अस्पतालों का निरीक्षण तक करना पडा। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद अब कोविड अस्पतालों की मनमानी पर नियंत्रण की तैयारी तेज हो गई है। स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई की योजना बना रहा है।
नियमों का उल्लंघन करने पर दस को नोटिस जारी
बेड खाली होने पर भी गंभीर मरीजों को भर्ती न किए जाने पर स्वास्थ्य विभाग ने दस निजी कोविड अस्पतालों की घेराबंदी तेज कर दी है। पहले चरण में इन अस्पतालों को बायोवेस्ट का सही तरीके से निस्तारण न करने एवं अप्रशिक्षित स्टाफ नियुक्त करने के मामले कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कोविड अस्पताल में स्टाफ द्वारा बिना पीपीई किट एवं मास्क लगाए मरीजों का उपचार किए जाने पर महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किए जाने का नोटिस भी जारी किया गया है।
डीएम के निर्देश पर रोज अस्पतालों में भर्ती मरीजों के साथ ही खाली बेडों की निगरानी की जा रही है। निजी अस्पतालों के मालिकों को इस संबंध में सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बेड उपलब्ध होने पर मरीज को भर्ती करने से कतई इंकार न किए जाये। मनमानी करने पर दस निजी कोविड अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इनके लाइसेंस नवीनीकरण न किए जाने पर जल्द ही निर्णय होगा।
– डा. मिथलेश कुमार,नोडल निजी कोविड अस्पताल
दैनिक जागरण
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