पढ़िए बीबीसी न्यूज़ हिंदी की ये खबर…
हरियाणा पुलिस ने किसान आंदोलन में शामिल होने आई पश्चिम बंगाल की एक युवती के साथ बलात्कार के कथित मामले में छह लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है और पूरे मामले की जांच के लिए विशेष पुलिस दल का गठन किया गया है.
बलात्कार की कथित घटना अप्रैल के दूसरे सप्ताह में पश्चिम बंगाल से दिल्ली के टिकरी बार्डर की ट्रेन यात्रा के दौरान हुई. बाद में युवती को कोरोना हो गया था और फिर बहादुरगढ़ के एक अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया.
बहादुरगढ़ के डीएसपी पवन कुमार ने बीबीसी को बताया कि उनकी देख-रेख में गठित एसआईटी अब तक दो लोगों से पूछताछ कर चुकी है.
भारतीय किसान यूनियन उगराहां के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा है कि जिनलोगों पर आरोप लगे हैं उनमें से कुछ के टेंट टिकरी बार्डर पर लगे हुए थे, जिसे अब वहां से हटा दिया गया है.
टेंट हटाने का निर्णय किसान मोर्चा ने एक अंदरूनी जांच के बाद लिया. हालांकि मामले की शिकायत पुलिस के पास लगभग सप्ताह भर देर से हुई.
25 साल की मृतक पीड़िता के पिता ने एफ़आईआर में कहा है कि दिल्ली से पश्चिम बंगाल गए एक किसान दल से युवती की मुलाक़ात हुई थी जिसके बाद वो आंदोलन में शामिल होने के लिए 11 अप्रैल को टिकरी बार्डर के लिए निकल पड़ी थी. ट्रेन में उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया.
इस संबंध में युवती ने एक वीडियो स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड करवाई थी.
युवती के पिता एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उनका कहना है कि उनकी बेटी ने उन्हें फोन पर बताया था कि जिनके साथ वह किसान आंदोलन में शामिल होने दिल्ली आई वो ‘अच्छे लोग नहीं हैं’. युवती के पिता के अनुसार उसने मरने से पहले दो लोगों का नाम भी लिया था.
बाद में युवती के पिता ने कुछ किसान नेताओं से संपर्क कर मदद मांगी और फिर वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए लेकिन तब तक युवती कोरोना संक्रमित हो गई थी और उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया था.
दिल्ली आने से पहले युवती के पिता ने जिन लोगों से संपर्क साधा था उसमें स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव भी शामिल थे.
पुलिस ने इस मामले में योगेंद्र यादव से मंगलवार को पूछताछ भी की है.
योगेंद्र यादव ने बताया कि उन्हें पुलिस ने नोटिस भेजा था जिसके बाद उन्होंने इस संबंध में जो भी जानकारी उनके पास थी वो पुलिस को दे दी है.
पीड़िता के पिता ने योगेंद्र यादव के साथ ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि उन्होंने अपनी शिकायत में सिर्फ़ दो लोगों पर आरोप लगाया था लेकिन पुलिस ने छह लोगों पर आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि जिन अन्य दो लड़कियों का नाम पुलिस एफ़आईआर में शामिल किया है उन्होंने पीड़िता की मदद की थी. पीड़िता का वीडियो स्टेटमेंट रिकॉर्ड करके मेरे पास भेजा था.
पिता के मुताबिक़ ये रिकॉर्डिंग अब पुलिस के पास है.
जिन दो युवतियों का नाम पुलिस ने केस में शामिल किया है उनमें से एक ने बीबीसी को बताया कि ‘पीड़िता ने उसे घटना के हफ्ते भर बाद ट्रेन में यौन उत्पीड़न के बारे में बताया था. बाद में इसकी सूचना दो बड़े किसान नेताओं को दी गई और लड़की के रहने का इंतज़ाम भी दूसरे टेंट में किया गया.”
हालांकि युवती ने ये भी कहा कि जिन किसान नेताओं से उसने पहले मामले की शिकायत की थी उन्होंने इसे रफ़ा-दफ़ा करने की कोशिश की थी.
युवती का कहना था कि उसने मामले की गंभीरता को देखते हुई लड़की की स्टेटमेंट वीडियो रिकॉर्ड की और उसे उसके पिता को भेज दी थी.
जनवादी महिला समिति की नेता जगमति सांगवान ने कहा कि जब उन्हें घटना का पता चला तो उस समय युवती की तबीयत काफी ख़राब थी और उसका इलाज करवाना ज़्यादा ज़रूरी था. साभार-बीबीसी न्यूज़ हिंदी
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