भारत में एक तरफ जहां कोरोना के मामले घटने लगे हैं, वहीं दूसरी तरफ रिकवरी रेट भी तेजी से ऊपर जा रहा है। लेकिन रिकवर हो रहे मरीजों की हालत बेहतर से बदतर हो सकती है। इसलिए 5 से 10 दिन के बीच कुछ चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
कोरोना वायरस महामारी की इस दूसरी लहर में बहुत से लोग Covid के शिकार हो गए हैं और वह धीरे-धीरे रिकवरी की ओर बढ़ रहे हैं। उनका सावधान और सतर्क रहना बहुत ज्यादा आवश्यक हो गया है। ज्ञात हो कि कोरोना के इस वायरस की चपेट में आने वाला व्यक्ति या तो 14 दिन में ठीक हो जाता है या फिर उसकी स्थिति गंभीर होती जाती है। लेकिन 14 दिन के इस पीरियड में जो सबसे महत्वपूर्ण समय है वह 5 से 10 दिन के बीच का है।
आमतौर पर शुरुआती रिकवरी दिखने के बाद लोग लापरवाह हो जाते हैं, जो बाद में रिकवर होते होते भी मरीज की हालत को गंभीर बना देता है। ऐसे कई मामले अब तक सामने आ गए हैं। ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि 5वें से 10 वें दिन तक आपको किन किन चीजों का ध्यान रखना है।
क्यों जरूरी है यह 5 से 10 दिन
हम सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमित 80 प्रतिशत लोग घर पर ही आइसोलेट हो कर ठीक हो रहे हैं। लेकिन अगर आप कोरोना से संक्रमित हाल ही में हुए हैं तो आपको बहुत सी चीजों और लक्षणों का ध्यान रखना होगा। वरना आपके द्वारा की गई जरा सी लापरवाही आपको आपके परिवार को खतरे में डाल सकती है।
लक्षण पर निर्भर करेगी रिकवरी
कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को यह वायरस शुरुआत में कंफ्यूज कर सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ लोगों को शुरुआत में कम लक्षण देखने को मिलते हैं जबकि 5 से 10वें दिन स्थिति पूरी तरह बदल जाती है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि रिकवरी के दौरान आप खुद पर ध्यान देकर कोविड के संक्रमण की गंभीरता को जान सकते हैं।
5वें दिन के बाद स्थिति हो सकती है गंभीर
कोरोना के संक्रमित होने के तुरंत बाद लोग अलग-अलग लक्षण महसूस कर सकते हैं। इस दौरान कोरोना से लड़ने के लिए शरीर अधिक मात्रा में एंटीबॉडी का उत्पादन करता है। कई बार यह स्थिति को बिगाड़ भी सकता है। जिसके लक्षण आमतौर पर लोगों को छठे या सातवें दिन देखने को मिल सकते हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि तब शरीर के अंदर कोरोना के खिलाफ लड़ाई चरम पर होती है। इसके बाद कुछ लोगों की स्थिति गंभीर हो सकती है तो कुछ की ठीक। इसलिए 5वें दिन को कोरोना संक्रमित व्यक्ति के लिए सेकंड फेज भी कहा जा रहा है। क्योंकि इस बीच लोगों की स्थिति गंभीर भी हो सकती है और ठीक भी, लेकिन इसमें लापरवाही करना सही नहीं होगा।
इस दौरान ऑक्सीजन लेवल का गिरना, बुखार बढ़ना, सांस लेने में दिक्कत होना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। इसके अलावा मरीज को भारीपन भी महसूस हो सकता। वहीं, इन लक्षणों के अलावा केवल अचानक ऑक्सीजन लेवल भी गिर सकता है।
इन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा
यूं तो कोरोना से संक्रमित होने वाले सभी लोगों को खतरा है। लेकिन उन लोगों को अधिक खतरा है जो पहले से ही डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, और मोटापे की समस्या से पीड़ित हैं।
वहीं, ऐसे युवा लोग जो कोरोना से संक्रमित थे और सीने में दिक्कत हो रही थी, उन्हें भी सतर्क रहने की जरूरत है। इसके अलावा समय पर चेस्ट स्कैन और एक्स-रे भी जरूर करना चाहिए। ध्यान रहे किसी तरह की लापरवाही आपकी सेहत को बिगाड़ सकती है।
कंडीशन खराब होने पर क्या करें
कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को दिख रहे लक्षणों को सही प्रकार समझना चाहिए, क्योंकि जरा सी ढील समस्या बढ़ा सकती है। इस दौरान वायरस के असर को कम करने के लिए सही कदम उठाना जरूरी है।
कोरोना की दूसरी लहर में हम बहुत से लोगों का जान गंवाते हुए देख रहे हैं। ऐसे में अगर आपकी स्थिति गंभीर हो तो जरा भी लापरवाही न बरतें। लक्षणो पर अपनी नजर बनाए रखें और स्थिति बिगड़ने से पहले ही डॉक्टर से संपर्क करें। इस दौरान विशेषज्ञों द्वारा बताई गई सभी निर्देशों का पालन करें। ताकि आपको कोरोना से अधिक नुकसान ना हो। साभार-नवभारत टाइम्स
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