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मेरठ जिला प्रशासन ने बिना सोचे समझे निजी तौर पर ऑक्सीजन सप्लाई पर प्रतिबंध लगा दिया है जिस कारण उनके मरीज बिना ऑक्सीजन के तड़प-तड़प कर मरने को मजबूर हो गए हैं।
Meerut news: ऑक्सीजन की काला बाजारी की बात कहते हुए मेरठ जिला प्रशासन के कथित आदेश पर ऑक्सीजन प्लांट से आम आदमी को ऑक्सीजन देने से प्रतिबंद लगा दिया गया हैं जिसके चलते घर पर क्वारंटीन मरीजों के प्राण संकट में पहुंच गए है।
मेरठ के परतापुर इलाके में स्थित कंसल ऑक्सीजन प्लांट पर चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी के बीच रोते -बिलखते लोगों ने आरोप लगाते हुए बताया कि मेरठ जिला प्रशासन ने बिना सोचे समझे निजी तौर पर ऑक्सीजन सप्लाई पर प्रतिबंध लगा दिया है जिस कारण उनके मरीज बिना ऑक्सीजन के तड़प-तड़प कर मरने को मजबूर हो गए हैं।
इस बात की जानकारी मिलने पर जब मीडिया कर्मी कंसल गैस गोदाम पर पहुंचे तो वहां रोते बिलखते परिजनों ने अपनी पीड़ा बताई और बताया कि उनके परिजन घर पर ऑनलाइन हैं और वो डॉक्टर का लिखित परीक्षा भी लाए हैं पर उन्हें ऑक्सीजन गैस नहीं दी जा रही ।
लोगों ने आरोप लगाया कि अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रशासन की ओर से ये आम आदमी को ऑक्सीजन देने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कुछ लोग ऐसे भी थे जिनके बीमार परिजन घर पर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं और उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम है। सूचना पर जब मीडियाकर्मी गोदाम पहुंचे तो वहां तैनात साइड नोडल अफसर गैस डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्रीज वीके सिंह ने कहा कि प्रशासन के आदेश पर अब निजी तौर पर ऑक्सीजन की सप्लाई को बंद कर दिया है। हालांकि अस्पतालों के लिए भरपूर गैस उपलब्ध है।
इस निर्णय को गैस की कालाबाजारी रोकने के लिए किया गया है। जब उनसे पूछा गया कि जो लोग घर पर क्वॉरेंटाइन होकर अपना इलाज करा रहे हैं उन्हें कैसे गैस उपलब्ध होगी तो उन्होंने साफ कह दिया कि किसी को भी व्यक्तिगत गैस नहीं दी जाएगी। अस्पतालों में भर्ती हो और इलाज कराएं। ऐसे में सवाल है कि आखिर अगर कोई मरीज घर पर ईलाज करा रहा है तो वो कहां जाए।साभार-आँखोंदेखी लाइव
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