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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक टीम ने जनवरी और फरवरी के 27 दिन वुहान (चीन) में बिताए। वहां यह पता लगाने की कोशिश की कि कोविड-19 आखिर आया कहां से? इस टीम ने रिपोर्ट बना ली है, पर इससे भी कुछ पता नहीं चल रहा। WHO की रिपोर्ट कहती है कि कुछ तो ‘मिसिंग’ है। अब इस मिसिंग लिंक को लेकर WHO के पास कहने को कुछ नहीं दिख रहा।
नया कोरोना वायरस दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में सामने आया था। इसका नाम पड़ा कोविड-19 और तब से लेकर अलग-अलग देशों के वैज्ञानिकों ने अपनी-अपनी स्टडी की। हर स्तर पर पड़ताल कर जानने की कोशिश की कि आखिर यह नया कोरोना वायरस आया कहां से? किसी ने कहा कि यह चमगादड़ की देन है। सही भी है, उसमें कोविड-19 का कारण बनने वाले SARS-CoV-2 जैसे वायरस पहले से थे। पर फिर कहा कि चमगादड़ में जो कोरोना वायरस मिलता है, उसमें और कोविड-19 की वजह बने वायरस में बहुत अंतर है। फिर कयास लगने शुरू हुए कि चमगादड़ से निकला वायरस ही किसी जानवर में गया, वहां फला-फूला और फिर इंसानों में मारक अंदाज में फैला। कुछ रिपोर्ट्स ने तो दावा किया कि यह वायरस चीन के वुहान की लैबोरेटरी में बना है, पर WHO की 127 पेज की रिपोर्ट ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया।
आइए, जानते हैं कि अब तक हुई स्टडी में किस-किस जानवर को नए कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराया जा चुका है-
चीनी वैज्ञानिकों ने कहा- सांप
नए कोरोना वायरस के लिए जिस जानवर पर सबसे पहले उंगलियां उठी, वह था -सांप। यह वायरस सबसे पहले चीन में ही फैला, इसलिए जनवरी 2020 में चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज ने एक स्टडी कराई। इसमें ही सबसे पहले बताया गया कि SARS-CoV-2 तो उस वायरस से मिलता-जुलता है, जो चमगादड़ों में मिलता है। चमगादड़ों को कोरोना वायरस का ‘नेटिव होस्ट’ भी कहा गया।
तब वैज्ञानिकों ने कहा कि चमगादड़ों में कोरोना वायरस के कई अन्य स्ट्रेन मौजूद रहते हैं। चमगादड़ों से ही यह वायरस किसी जानवर में फैला, जो इसका इंटरमीडिएट होस्ट बना।
जर्नल ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी में एक और स्टडी छपी। दावा किया गया कि हो सकता है कि नया कोरोना वायरस सांप में फला-फूला हो। चीन में सांप को खूब खाया जाता है, लिहाजा कई स्तरों पर इस दावे को स्वीकार भी किया गया। पर कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि यह सच नहीं है। SARS की तरह कोरोना वायरस भी किसी स्तनपायी की वजह से ही फैला होगा। यह सांप तो हो ही नहीं सकता।
फिर सामने आया दूसरा नाम- पैंगोलिन
सांप को जिम्मेदार ठहराने के एक महीने बाद यानी फरवरी 2020 में साउथ चाइना एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट आई। इसमें कहा गया कि विलुप्त हो रहा पैंगोलिन ही वह जानवर है, जिसने कोरोना वायरस के लिए चमगादड़ों और इंसानों के बीच मिसिंग लिंक का काम किया। पैंगोलिन का इस्तेमाल चीनी दवाओं में बड़ी मात्रा में होता है। लिहाजा, कुछ दिन इस पर ही जांच होती रही।
दरअसल, वुहान के हुनान सीफूड मार्केट को कोरोना वायरस आउटब्रेक के लिए जिम्मेदार माना जाता है। पैंगोलिन इस मार्केट में बड़ी मात्रा में बिकता भी है। पर क्या पैंगोलिन ही इसका दोषी है, बाद में इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।
कुत्ते और बिल्ली पर भी उठी अंगुलियां
फरवरी 2020 में नया कोरोना वायरस हांगकांग पहुंच गया। वहां एक कुत्ते को क्वारैंटाइन किया गया। उसका मालिक कोरोना पॉजिटिव निकला था। टेस्ट के बाद पता चला कि कुत्ता भी ‘वीक पॉजिटिव’ है।
इसके बाद तो बिल्लियों में भी कोरोना वायरस इंफेक्शन मिला। फैरेट्स और हैमस्टर्स के साथ-साथ पिजरे में बंद शेर और बाघ भी पॉजिटिव निकले। तब, वैज्ञानिकों ने कहा कि घरेलू जानवर वायरस से इंफेक्ट तो हो सकते हैं, पर इंफेक्शन फैला नहीं सकते।
मिंक्स से इंसानों में ट्रांसमिशन की पुष्टि हुई
बेशकीमती फर के लिए कई देशों में मिंक्स की ब्रीडिंग होती है। जून 2020 में WHO ने दावा किया कि नीदरलैंड में इंफेक्शन मिंक्स से कर्मचारियों तक पहुंचा। यह जानवरों से इंसानों में वायरस ट्रांसमिशन का पहला ज्ञात केस बताया गया। यह महज शुरुआत थी। डेनमार्क, फ्रांस, ग्रीस, इटली, लिथुआनिया, स्पेन और स्वीडन समेत यूरोपीय संघ के कई देशों और अमेरिका में मिंक फार्म्स में कोविड-19 के केस मिले। तब जुलाई 2020 में हजारों मिंक्स मार दिए गए। नीदरलैंड में तो साल के अंत तक पूरी इंडस्ट्री को प्रतिबंधित करने का आदेश हुआ। लाखों मिंक्स मार दिए गए।
डेनमार्क में तो लोगों से तीन गुना ज्यादा मिंक थे। वहां आदेश जारी हुआ कि नवंबर में 15 से 17 मिलियन मिंक को मार दिया जाए। दरअसल, कोपेनहेगन ने चेताया कि मिंक के जरिए हुआ म्यूटेशन ‘क्लस्टर 5’ वैक्सीन की इफेक्टिवनेस को कम कर सकता है।
लिंक अब भी मिसिंग ही…
WHO के अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट्स की टीम जनवरी में वुहान पहुंची तो उसके सामने ऐसे जानवरों की कमी नहीं थी जिन पर शक किया जा सके। खरगोश से लेकर फैरेट बैजर्स और रकून से लेकर सिवेट्स तक। कोई भी दोषी हो सकता था।
WHO की रिपोर्ट के लीक हुए अंशों के मुताबिक इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है कि चमगादड़ों से यह वायरस मनुष्यों तक पहुंचा है। पर इसके बीच में कोई इंटरमीडिएट होस्ट था, जो अब भी मिसिंग लिंक ही बना हुआ है।
तो फिर यह कोरोना वायरस इंसानों में आया कैसे?
WHO की रिपोर्ट में चार बातें मुख्य तौर पर कही गई हैं-
- वायरस कोल्ड चेन फूड प्रोडक्ट्स से फैल सकता था, पर ऐसा हुआ नहीं है।
- वुहान की लैबोरेटरी से कोरोना वायरस के लीक होने की संभावना न के बराबर है।
- वायरस अज्ञात जानवर की वजह से फैला, इसकी संभावना सबसे ज्यादा है।
- चमगादड़ों से सीधे मनुष्यों में फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
साभार-दैनिक भास्कर
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