पढ़िए आँखोंदेखी लाइव की ये खबर…
यूपी में पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही सभी 75 जिलों में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है। चुनाव परिणाम आने तक राज्य में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इसका पालन करना होगा। जाहिर है, सभी के लिए यह जानना जरूरी है कि आचार संहिता का क्या मतलब है और इसके सामान्य नियम क्या हैं।
आम तौर पर, चुनाव आयोग द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए बनाए गए नियमों को उस चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता कहा जाता है। इसके लागू होते ही शासन और प्रशासन के तरीके में कई बड़े बदलाव हो हैं। चुनाव आचार संहिता के लागू होने के बाद कर्मचारी चाहे वह राज्य से हों या केंद्र में, आयोग के कर्मचारियों के रूप में काम करते हैं।
संहिता के लागू होने के बाद, सरकारी धन का उपयोग किसी ऐसे कार्य के लिए नहीं किया जा सकता है जो किसी विशेष पार्टी को लाभ पहुंचाता है। इस अवधि के दौरान, सरकारी घोषणाएँ, उद्घाटन, शिलान्यास और भूमि पूजन जैसे कार्यक्रम भी नहीं किए जा सकते हैं। सरकारी वाहन, सरकारी हवाई जहाज या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है। किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों के लिए रैली या जुलूस निकालने के लिए वहां के पुलिस स्टेशन से अनुमति लेना आवश्यक है। कोई भी जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है। राजनीतिक कार्यक्रमों की निगरानी चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों द्वारा की जाती है।
आचार संहिता के उल्लंघन पर यह प्रावधान हैं
आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन चुनाव आयोग द्वारा नियमानुसार लिया जा सकता है। यहां तक कि संबंधित उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। उल्लंघन के मामले में आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर संबंधित को जेल भी भेजा जा सकता है। भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।साभार-आँखोंदेखी लाइव
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