पढ़िए दैनिक भास्कर की ये खबर…
घर-घर राशन योजना को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद बढ़ सकता है। दिल्ली सरकार के घर-घर राशन योजना लागू करने को लेकर एफ एंड पीडी ने पत्र लिखकर इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। उस पत्र का जवाब केंद्र के एफ एंड पीडी विभाग को देने से पहले ही इस योजना को बिना नाम के लागू करने की घोषणा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कर दी है।
उन्होंने कहा है कि दिल्ली कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। इससे पहले दिल्ली सरकार ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना के तहत पैकेट बंद राशन लोगों के घर पहुंचाने की घोषणा की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी।
इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई दिल्ली कैबिनेट ने बिना नाम के घर-घर राशन पहुंचाने का निर्णय लिया है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि हम श्रेय लेने के लिए यह नहीं कर रहे हैं। हमारा मकसद केवल जनता तक ईमानदारी से साफ-सुथरा राशन पहुंचाना है।
राशन माफिया को खत्म किया जाएगा : अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली सरकार गरीब परिवारों को गेहूं की जगह आटा,चीनी और चावल बोरी के पैकेट में पैक कर उनके घर पहुंचाया जाएगा। यह सभी गतिविधियां खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा पूरी की जाएगी। सरकार का कहना है कि पैकेट बंद राशन घर-घर पहुंचाने से राशन माफियाओं को जड़ से खत्म किया जा सकेगा और वास्तविक लाभार्थियों तक राशन पहुंचाएगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी तक राशन की दुकानों पर लोगों को राशन लेने में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार लोगों को राशन नहीं मिल पाता है।
आप भी जानिए … क्या है विवाद
केंद्र की राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना (एनएफसी) के तहत बीपीएल कार्ड धारकों को 4 किलो गेंहूू 2 रुपए किलो और 1 किलो चावल प्रति 3 रुपए किलो, 72 लाख लोगों को राशन पहुंचाया जाता है। अब दिल्ली सरकार गेंहूू के जगह उतना ही, आटा ,चावल, चीनी विभाग द्वारा पैक कर घरों तक पहुंचाएगी। एनएफसी के नियमों के तहत राशन के डिलीवरी राशन के दुकान से और इस योजना का नाम नहीं बदला जा सकता है।
एफ एंड पीडी के सचिव सुधांशु पांडे ने फिर कहा है कि अब सरकार के घर-घर राशन योजना से कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन यह योजना नेशनल फूड स्कीम(एनएफसी)के प्रावधानों के तहत हो। उन्होंने कहा कि राशन का वितरण वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत एनएफसी के नियमों व पारदर्शिता के लिए बायो-मेट्रिक्स प्रणाली के तहत हो।
इसके साथ गेंहूू की पिसाई, पैकेजिंग की कीमत राशन उपभोक्ता से वसूलने की बात की है। जो कि एनएफसी स्कीम के उलट है, दिल्ली सरकार को योजना एनएफसी नियमों के गाइड लाइन के तहत पालन करना होगा।साभार-दैनिक भास्कर
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