पढ़िए दैनिक जागरण की ये खबर…
कोरोना काल में लागू लॉकडाउन के दौरान दूश भर से घर लौटे 20 लाख कामगारों को बिहार सरकार राज्य में में ही रोजगार देगी। इसके लिए बनाई गई योजना पर काम शुरू है। इसकी पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।
लॉकडाउन का एक साल पूरा हो गया। लॉकडाउन में दूर-दूर से अप्रवासी कामगार बिहार लौटे थे। बिहार की नीतीश सरकार ने इन कामगारों को रोके रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। युवाओं के साथ-साथ कामगारों को कौशल विकास पर खासा फोकस किया जा रहा है और रोजगार-स्वरोजगार के ठोस उपाये जा रहे हैं।
औद्योगिक इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन पैकेज
कोरोना काल में बाहर के राज्यों से लौटे करीब 20 लाख कुशल और अकुशल कामगारों को केंद्र में रख औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति – 2016 के संशोधन में विशेष रूप से ख्याल रखा गया है। यह औद्योगिक इकाइयां बाहर से लौटे कामगारों के जीविकोपार्जन एवं औद्योगिक क्रियाकलापों के नए अवसर उपलब्ध कराएगी उन्हें विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिया जाएगा। इसमें नौ सेक्टरों को विशेष रूप से प्राथमिकता वाले क्षेत्र में शामिल किया गया है। इनमें फसल अवशेष पर आधारित उद्योग भी शामिल है। इसके अलावा फ्लाई एश से ईंट उत्पादन, धान के भूसा पर आधारित उद्योग, कृषि अवशेष पर आधारित उद्योग, ऑटोमोबाइल, रक्षा उपकरण निर्माण करने वाली अनुषंगी इकाइयां, आभूषण निर्माण, धातु एवं फेब्रिकेशन, खेल-कूद सामग्री निर्माण व दूरसंचार शामिल हैं।
ये भी पढ़ें :- युवाओं की किस्मत चमकाने में जुटा IAS दंपत्ति, ऋषि राज-ईशा प्रिया दे रहे UPSC की फ्री कोचिंग
20 फीसद नियोजन जरूर देगी ऑद्योगिक इकाई
उद्योग विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जो औद्योगिक इकाई बिहार के बाहर से लौटे कामगारों को अपने श्रमिक पूल में कम से कम 20 प्रतिशत नियोजन अनिवार्य रूप से देंगी, उन्हें विशेष प्रोत्साहन पैकेज का लाभ दिया जाने लगा है। तीन वर्षों में इन औद्योगिक इकाईयों को अपनी पूर्ण क्षमता के अनुरूप वाणिज्यिक उत्पादन करना होगा। बिहार लौटे कामगारों को रोके रखने के उद्देश्य से एक वर्ष के भीतर इन्हें अपनी क्षमता का 25 प्रतिशत तक ट्रायल उत्पादन करना होगा।
सभी जिलों में औद्योगिक एवं नव प्रवर्तन योजना
जिलाधिकारियों की देख-रेख में सभी जिलों में जिला औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना चलेगी। इसके लिए जिलों को राशि उपलब्ध करायी जाएगी। इसके तहत सिलाई केंद्र की स्थापना, पेवर ब्लॉक उपकरण, हस्तकरघा बुनाई केंद्र, बढ़ाईगिरी केंद्र आदि शुरू होंगे।
लोक उपक्रम औद्योगिक क्लस्टर विकास
एक उच्च पदस्थ अधिकारी के मुताबिक राज्य के सभी लोक उपक्रम क्लस्टर आधारित विनिर्माण कार्यों के लिए जिलों को गोद लेंगे। क्लस्टर के तहत खाद्य प्रसंस्करण, परिधान निर्माण, फार्म मशीनरी, पेवर ब्लॉक, सिमेंट पोल, फर्निचर निर्माण, हस्तकरघा, हस्तकला व चमड़ा आधारित उद्योग की स्थापना होगी। पश्चिम चंपारण के चनपटिया में रेडीमेड गारमेंट्स कलस्टर का निर्माण प्रगति में है।
काष्ठ आधारित उद्योगों का अलग प्राथमिकता क्षेत्र
काष्ठ आधारित उद्योगों के लिए भी एक प्राथमिकता क्षेत्र तय किया गया है जिसमें लुगदी और कागज उद्योग, दियासलाई, टिंबर एवं चिरान लकड़ी, प्लाईवुड, बांस आधारित उद्योग, पार्टिकल बोर्ड उत्पादन फाइबर बोर्ड उत्पादन व वुड मूल्यवद्र्धन उद्योग शामिल है।
इलेक्ट्रिक गुड्स क्षेत्र को दिया जा रहा बढ़ावा
सरकार द्वारा निवेश के अवसर शीर्ष के तहत अब इलेक्ट्रिक जेनरेटर, ट्रांसफार्मर, इलेक्ट्रिक लाइटिंग उपकरण व वायङ्क्षरग उपकरण के विनिर्माण को शामिल किया गया है। इसमें कृषि क्षेत्र के लिए टिश्यू कल्चर, क्राप केयर केमिकल इकाईयांं भी शामिल हैं।
इंडस्ट्री के लिए तैयार किए जाएंगे कुशल युवा
श्रम संसाधन मंत्री जीवेश कुमार के मुताबिक मौजूदा औद्योगिक व्यवस्था के लिए युवाओं को तैयार किया जाएगा। इसकी प्लानिंग हो चुकी है। सरकार 20 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित जाने के साथ ही एडवांस टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ग्राफिक डिजाइन, रोबोटिक मेंटेनेंस, इलेक्ट्रिकल आदि की तकनीक में मशीनें लगाकर आइटी कंपनियों समेत अन्य इंडस्ट्री के सहयोग से आइटीआइ को और उन्नत बनाया जाएगा। साभार-दैनिक जागरण
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post