गाजियाबाद। गरीबों के निवाले पर राशन डीलर डाका डाल रहे हैं। कई राशन डीलर प्रत्येक यूनिट पर एक किलो राशन खा रहे हैं। उन्हें सरकार से मिलने वाले तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल के स्थान पर केवल चार किलो राशन ही दिया जा रहा है। राशन डीलरों दबंगों को पूरा राशन दे रहे हैं, जिससे उनके सामने कोई दिक्कत खड़ी न हो। अमर उजाला की टीम के वीडियो स्टिंग में इस खेल का खुलासा हुआ है।
राशन वितरण के दौरान उपभोक्ता साफ कह रहे हैं कि मसूरी में डीलर चार किलो राशन ही देते हैं। इतना ही नहीं राशन वितरण के दौरान डीलरों की पूरी टीम काम करती है, जिससे कोई पकड़ में न आ सके। उपभोक्ताओं को धमकी दी जाती है कि अगर शिकायत की तो राशन देना बंद कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं राशन कार्ड भी समाप्त करा दिया जाएगा। इस डर के कारण अधिकतर लोग कुछ बोलते ही नहीं है। कुछ महिलाओं ने बताया कि उन्हें नहीं पता कितना राशन मिलता है। जो भी राशन डीलर दे देता है वह ले जाती हैं। प्रस्तुृत है राशन उपभोक्ता एवं रिपोर्टर के बीच हुई बातचीत के कुछ अंश।
केस -1
स्थान: मसूरी रेलवे रोड स्थित राशन की दुकान
रिपोर्टर: एक यूनिट पर कितना राशन दे रहे हैं ?
महिला उपभोक्ता: हमें तो तीन किलो गेहूं और एक किलो चावल दे रहे हैं।
रिपोर्टर: मिलता तो ज्यादा हैं शायद?
महिला: हां, लेकिन हमें तो यह ऐसे ही देते हैं।
रिपोर्टर: क्यों यहां पर पूरा क्यों नहीं देते?
महिला: दूसरे गांवों में तो ज्यादा देते हैं पर हमारे यहां कम देते हैं।
महिला: हां जी, हमारे यहां सात लोग हैं, हमें 21 किलो गेहूं और सात किलो चावल दिए हैं। इनका चार किलो का हिसाब है।
रिपोर्टर: आपको कितना राशन मिला है?
वृद्घा: हमें ना पता कितना मिले है, हमें तो जितना देवे है उतना ले जावें हैं।
केस -2
रिपोर्टर: एंट्री पांच किलो की और दे रहे हो 4 किलो?
दुकान पर बैठा युवक: यह कागजों की एंट्री है, पहले अपना राशन कार्ड दिखाओ।
रिपोर्टर: कम क्यों दे रहे हो?
युवक: सबके लिए कम नहीं है, तुम्हारे पास कार्ड है, तो तुुम्हे पूरा मिल जाएगा।
केस -3
रिपोर्टर: भैया प्रति यूनिट कितना चल रहा है?
दुकानदार: तीन किलो गेहूं मिलेगा।
रिपोर्टर: टोटल कितना मिलेगा?
दुकानदार: चार किलो मिलेगा।
रिपोर्टर: पूरा तो पांच किलो मिलता है?
दुकानदार: चलो तुम्हें पांच किलो दे देंगे। चावल ज्यादा देंगे।
रिपोर्टर: क्यों? गेहूं क्यों नहीं?
दुकानदार: इस बार गेहूं पीछे से ही कम आया है।
पहले कम देते हो राशन, फिर डंडी मारते हो
मसूरी में रेलवे रोड स्थिति एक दुकान पर किशोर जब राशन लेने पहुंचा तो वहां गेहूं तोल रहे युवक ने कुछ कम तौल दिया। इस पर किशोर भड़क उठा और युवक को पीटने के लिए चढ़ गया। कहा कि पहले तो राशन कम देते और फिर उसमें भी डंडी मारते हो। बीच बचाव कराने आए दुकानदार युवक ने किशोर को समझाया और राशन देकर वापस भेज दिया। यह नजारा भी स्टिंग में कैद हुआ है। रिपोर्टर ने जब किशोर से पूछा कि तुम्हें कितना राशन दिया है तो वह बोला भैया चार किलो ही तो दिया है। तीन किलो गेहूं और एक किलो चावल। भैया इन लोगों की खुलकर दादागिरी चल रही है। भैया हम इनसे इसलिए कुछ न कहते हैं कि यह हमारा राशन कार्ड भी कटवा सकते हैं।
बायोमीट्रिक मशीन को बता देते हैं खराब
दुकानदार लोगों को परेशान करने के लिए बायोमीट्रिक मशीन का खराब बता देते हैं। कई बार उन्हें वापस भेज दिया जाता है। उसके बाद वह फिर राशन लेने नहीं आते हैं। जब दोबारा राशन लेने आते हैं तो उन्हें कम राशन आने का हवाला दिया जाता है। लोगों को कम राशन देकर उस राशन को बचाकर बेच देते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि डीलर गेहूं के लिए कुछ चक्की मालिकों से सेटिंग रखते हैं, उन्हें गेहूं बेच देते हैं। जबकि चावल दुकानदारों को बेच दिया जाता है। गरीबों के निवाले पर डांका डालकर मोटी रकम वसूली जाती है।
लोग बोले- अफसरों से है डीलरों की साठगांठ
मसूरी निवासी मुंशी नजर मोहम्मद ने बताया कि राशन डीलरों की अधिकारियों से साठगांठ रहती है। इनकी कितनी भी शिकायत कर लो कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने बताया कि डीएसओ कार्यालय से कमिश्नर मेरठ के यहां भी शिकायत कर चुके हैं। डीलरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। डीलर ने बिना बताए राशन कार्ड भी निरस्त करा दिया। अगर, शिकायत पर इनके खिलाफ कार्रवाई होती तो यह खुलेआम चोरी नहीं करते।
जिले में 4.32 लाख उपभोक्ता, आंकड़ों में सबको मिल रहा राशन
जिला पूर्ति विभाग ने बताया कि जिले में चार लाख 32 हजार उपभोक्ताओं को राशन का वितरण किया जाता है। विभागी कड़ों के अनुसार शतप्रतिशत लोगों को राशन दिया जा रहा है। सरकार ने राशन की कालाबाजारी को रोकने के लिए बायोमीट्रिक सिस्टम शुरू किया था, लेकिन राशन डीलर ने उसका भी तोड़ निकाल लिया। अन्य तरीके से चोरी के रास्ते बचे तो नया चोरी का रास्ता निकाल लिया।
उपभोक्ताओं को भी डरा धमकाकर रखा जाता है।
डीएसओ डॉ. सीमा कहती हैं कि कालाबाजारी की कहीं से शिकायत नहीं मिली है। प्रत्येक यूनिट पर तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल दिए जाते हैं। यदि कोई डीलर कम दे रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पहले विभागीय कार्रवाई करेंगे और जांच में सही पाए जाने पर कालाबाजारी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराएंगे।साभार-अमर उजाला
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