जेवर एयरपोर्ट के विस्तार पर प्रदेश कैबिनेट की मुहर के बाद अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। इस चरण के लिए 8 गांव की 1365 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। यह जमीन नए जमीन अधिग्रहण कानून के तहत ली जाएगी। जल्द ही इसका प्रस्ताव मंडलायुक्त को भेजा जाएगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर को बनाने की जिम्मेदारी इस कंपनी को मिली है पहले चरण में 2 रनवे बनेंगे। इसके लिए 13 से 34 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। विस्तार के पहले चरण के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने पर भी स्वीकृति मिल गयी है। यह जमीन आठ गांव की है। किसानों को जमीन अधिग्रहण कानून के सभी लाभ दिए जाएंगे। जमीन अधिग्रहण पर करीब 3.5 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। अधिग्रहण के लिए प्रदेश सरकार पहले ही दो हजार करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण को अपनी अंशधारिता के अनुपात में पूंजी जुटानी होगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि सरकार की ओर से जो भी दिशानिर्देश आएंगे उसके अनुरूप काम किया जाएगा।
5000 हेक्टेयर जमीन आरक्षित है : एयरपोर्ट के लिए यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में पांच हजार हेक्टेयर जमीन आरक्षित है। पहले चरण के लिए 1334 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत हो चुकी है। विस्तारण के पहले चरण में 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण और होगा। शेष जमीन अन्य चरण के लिए अधिग्रहीत होगी।
तीनों प्राधिकरण की है हिस्सेदारी : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) में प्रदेश सरकार व नोएडा प्राधिकरण की कंपनी में 37.5-37.5 व ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण की 12.5-12.5 फीसदी की हिस्सेदारी है।साभार- ट्रीसिटी टुडे
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