गाजियाबाद। नगर निगम सदन में जमीन देने का प्रस्ताव पास कराए बिना मेयर और नगर आयुक्त ने बृहस्पतिवार को वेंडिंग जोन का उद्घाटन किया तो हंगामा खड़ा हो गया। निगम पार्षदों ने इसका जबरदस्त विरोध किया। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सड़क पर और साइड पटरी पर खोखे आवंटित करने पर रोक लगा रखी है तो डूडा कैसे सड़क पर वेडिंग जोन बना सकता है। पार्षदों का यह भी कहना है कि मेयर वेंडिंग कमेटी में शामिल ही नहीं है तो फिर उद्घाटन करने का औचित्य क्या है। कन्या वैदिक स्कूल के बगल में बनाए जा रहे इस वेंडिंग जोन के खिलाफ अब निगम पार्षद हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
कन्या वैदिक स्कूल के बगल के करीब 35 फुट चौड़े रास्ते पर नगर निगम ने अवैध रूप से कूड़ाघर बना दिया था। यह नगर निगम के एतिहासिक पार्क कंपनी बाग का आम रास्ता था। कूड़े डाले जाने का स्थानीय व्यापारियों ने विरोध किया तो बीते दिनों निगम ने यह कूड़ाघर विलोपित कर दिया था। नगर निगम की इस जमीन पर डूडा ने गुपचुप यह वेंडिंग जोन विकसित करने की योजना बनाकर दुकानदारों से आवेदन भी ले लिए।
बृहस्पतिवार को महापौर आशा शर्मा और नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने इस वेंडिंग जोन का उद्घाटन किया तो निगम पार्षदों ने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए विरोध किया। पार्षदों का कहना है कि नगर निगम बोर्ड में प्रस्ताव पास हुए बिना डूडा या कोई दूसरा विभाग कैसे निर्माण कर सकता है। नगर आयुक्त या महापौर को इसकी इजाजत देने का अधिकार नहीं है। यह बड़ी अनियमितता है। हालांकि विरोध के बावजूद मेयर और नगर आयुक्त ने उद्घाटन की रस्म को पूरा किया और इस योजना को लोगों के हित में बताते हुए विरोध न करने की अपील की।
मुझे वेंडिंग कमेटी की बैठक की जानकारी नहीं दी
सदस्य होने के बावजूद करीब चार-पांच बैठक से मुझे वेंडिंग कमेटी की मीटिंग की जानकारी ही नहीं दी जा रही है। मेरा अधिकार अधिकारियों ने इसलिए फ्रीज कर दिया कि मैं इस तरह के नियम विरुद्ध प्रस्तावों पर कभी सहमति नहीं देता। निगम अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। वेंडिंग जोन न तो सड़क पर बनाया जा सकता है और न ही नगर निगम से जमीन लेने का प्रस्ताव पास कराए बगैर बनाया जा सकता है। यह प्रस्ताव निरस्त किया जाए, वरना हाईकोर्ट जाकर निरस्त कराएंगे। – राजेंद्र त्यागी, निगम पार्षद
मनमानी कर रहे अफसरों के खिलाफ जाएंगे हाईकोर्ट
डूडा ने वेंडिंग जोन बनाने का प्रस्ताव कमेटी की बैठक बुलाने की बजाय सदस्यों के घर प्रस्ताव भेजकर गुपचुप कराया है। अब कमेटी के कई सदस्य ऐसे हैं जिनका कहना है कि उन्हें प्रस्ताव की डिटेल नहीं बताई गई थी। नगर निगम से जमीन का प्रस्ताव पास कराए बिना कोई वेंडिंग जोन बनाया ही नहीं जा सकता है। इस प्रस्ताव से जुड़े दस्तावेज लेकर अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। -हिमांशु मित्तल, भाजपा पार्षद
डूडा अधिकारी 60 ठीए क्यों आवंटित करना चाहते हैं : स्थानीय पार्षद
घंटाघर बाजार में करीब 25-26 दुकानदार हैं जो जमीन पर बैठकर दुकान चलाते हैं। अगर ठीए दिए भी जाएं तो सिर्फ उन्हीं को दिए जाएं। बाहर से लोगों को लाकर यहां क्यों बसाया जा रहा है। डूडा अधिकारी 60 खोखे क्यों और किसके लिए आवंटित करने की बात कह रहे हैं। जमीन पर बैठने वाले दुकानदारों के अलावा अगर एक भी ज्यादा खोखा आवंटित किया गया तो डूडा अधिकारी के खिलाफ मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे। कुछ लोग इसमें भी भ्रष्टाचार का रास्ता तलाश रहे हैं। – राजीव शर्मा, क्षेत्रीय पार्षद
वेंडिंग जोन के उद्घाटन कार्यक्रम में सिर्फ बतौर अतिथि शामिल हुई थी। वेंडिंग जोन बनाने का निर्णय डूडा का है। इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। कुछ लोग शहर के हर विकास कार्य में अवरोध पैदा करते हैं। – आशा शर्मा, महापौर –
वेंडिंग जोन बनाने का निर्णय वेंडिंग कमेटी की मीटिंग में लिया गया था। नियमों के अनुसार ही स्थानीय वेंडरों को जगह दी जा रही है। – पवन शर्मा, परियोजना अधिकारी, डूडा –साभार-अमर उजाला
आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।
हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad
Discussion about this post