परी चौक से नोएडा एयरपोर्ट टर्मिनल मेट्रो का निर्माण 2021 में ही शुरू होगा और 2023 में बनकर तैयार होगी। इसे एक्सप्रेस लाइन बनाने के लिए 25 के बजाय पांच ही स्टेशन बनाने की योजना है। इसकी गति सीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी। 35.64 किलोमीटर लंबे ट्रैक को बनाने में 5000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह जिले का सबसे बड़ा मेट्रो ट्रैक होगा। फिलहाल, जिले में सबसे लंबा ट्रैक नोएडा-ग्रेनो मेट्रो का है जो करीब 29.7 किलोमीटर है।
दरअसल, नोएडा एयरपोर्ट से दिसंबर 2023 या फिर जनवरी 2024 से उड़ान शुरू होनी है। ज्यूरिख कंपनी के साथ करार में यह शर्त भी है कि नोएडा एयरपोर्ट तक मेट्रो की सुविधा दी जाएगी। एयरपोर्ट का निर्माण जल्द शुरू होने जा रहा है। इससे ग्रेटर नोएडा से जेवर तक मेट्रो ट्रैक का काम भी जल्द शुरू करने का दबाव है। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क से नोएडा एयरपोर्ट की सीमा तक 35.64 किलोमीटर रूट प्रस्तावित है। अब तक इस मेट्रो रूट पर 25 स्टेशन बनाने की योजना थी, लेकिन अब यह दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो की तर्ज पर एक्सप्रेस लाइन बनेगी। इसके लिए अधिकतम पांच स्टेशन ही बनाने पर सहमति बनी है। आबादी कम होने से इतने स्टेशनों की जरूरत भी नहीं है।
यह होगा फायदा
पहला, इस रूट को बनाने में लागत कम हो जाएगी। दूसरा, यह ट्रैक कम समय में तैयार हो जाएगा, क्योंकि स्टेशन बनाने में अधिक समय लगता है। तीसरा, एक्सप्रेस लाइन होने से एयरपोर्ट के यात्री नोएडा-ग्रेनो से कम समय में पहुंच सकेंगे। अगर 25 स्टेशन बनाए जाते तो समय अधिक लगने से एयरपोर्ट जाने वाले यात्री इसका उपयोग कम ही करते।
एनएमआरसी को मिली जिम्मेदारी
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार होगी। नोएडा मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एनएमआरसी) को इसे बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। शासन की तरफ से भी इस पर सहमति बन गई है। यह रूट एलिवेटेड होगा और यमुना एक्सप्रेसवे के पैरलल ग्रीन बेल्ट से गुजरेगा। इसका पहला स्टेशन नॉलेज पार्क टू और आखिरी स्टेशन नोएडा एयरपोर्ट टर्मिनल होगा। इसके अलावा सेक्टर-18, 20 व 22 डी में भी स्टेशन हो सकते हैं। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बन जाने के बाद स्टेशनों के बारे में सटीक जानकारी मिलेगी। सामान्य मेट्रो की परियोजना रिपोर्ट में पहले दिन से ही 82,242 यात्री प्रतिदिन का आकलन लगाया गया है।
दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो पर एक नजर
नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन से द्वारका सेक्टर-21 के बीच दौड़ने वाली दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो फरवरी 2011 में शुरू हुई है। इसकी अधिकतम गति सीमा 132 किलोमीटर प्रति घंटे की है। इसकी प्रतिदिन राइडरशिप 82,000 है। कुल लंबाई 22.7 किलोमीटर है। इस पर कुल छह स्टेशन हैं।
एयरपोर्ट मेट्रो के फंड पर बैठक जल्द
ग्रेटर नोएडा से नोएडा एयरपोर्ट तक मेट्रो बनाने में खर्च का बोझ नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण मिलकर उठा सकते हैं। साथ ही, भारत सरकार से भी वित्तीय सहायता ली जाएगी। हालांकि फंडिंग पैटर्न पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। इसके लिए जल्द ही बैठक होनी है।
नोएडा-ग्रेनो मेट्रो से जुड़ेगी एयरपोर्ट मेट्रो
नोएडा से ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो दौड़ रही है। नोएडा एयरपोर्ट तक प्रस्तावित मेट्रो इस रूट के नॉलेज पार्क टू स्टेशन से जुड़ेगी। उधर नोएडा के बॉटेनिकल से सेक्टर-142 तक नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे के पैरलल मेट्रो प्रस्तावित है। इस पर जल्द ही काम शुरू करने की तैयारी है। इस रूट के बनने से नोएडा-ग्रेनो के बीच सफर करने में कम समय में लगेगा। एयरपोर्ट के लिए नोएडा से आने वाले यात्री भी इसका उपयोग कर सकेंगे।
ग्रेनो से नोएडा एयरपोर्ट तक की मेट्रो के पुराने प्रस्ताव में बदलाव करने पर विचार हो रहा है। नोएडा एयरपोर्ट को ध्यान में रखते हुए फिलहाल इसे एक्सप्रेस लाइन के रूप में बनाने की योजना है। शासन से इस बाबत पत्र आया है। एनएमआरसी के साथ तीनों प्राधिकरण जल्द ही बैठक कर निर्णय लेंगे। फिलहाल, इस रूट पर मेट्रो स्टेशनों की संख्या चार से पांच ही रखने पर विचार हो रहा है। जरूरत पड़ी तो बाद में और स्टेशन बनेंगे।
– डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण , साभार-अमर उजाला
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