दिल्ली में चल रहे रेस्टोरेंट, होटल वाले खाने में मीट परोसते या बेचते हैं तो उन्हें बताना होगा कि मीट हलाल है या झटका। वह ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस संबंध में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के नेता सदन नरेंद्र चावला ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर कहा कि अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चावला ने कहा कि यह हर किसी को जानने का अधिकार है कि वह क्या खा रहा है। चाहे वो किसी भी धर्म का हो, क्योंकि भोजन को लेकर कुछ सेट रूल्स और मान्यताएं हैं। बता दें कि बजट को लेकर हो रही निगम की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इसके तहत दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर एक सड़क के अलावा दिल्ली के सभी नॉन वेज रेस्टोरेंट और होटल में हलाल या झटका मीट का बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
निगम के अनुसार उनके चारों वार्ड में हजारों रेस्टोरेंट हैं। इनमें से करीब 10 फीसदी ही ऐसे हैं, जिसमें शाकाहारी खाना मिलता है। जबकि अन्य 90 फीसदी रेस्टोरेंट यह जानकारी नहीं देते कि उनके द्वारा परोसा जा रहा मीट हलाल है या फिर झटके का।
निगम के प्रस्ताव में कहा गया है कि हिंदू और सिख धर्म में हलाल मीट खाना मना है और ये धर्म के खिलाफ है। ऐसे में रेस्टोरेंट और मीट शॉप्स को निर्देश दिया जाता है कि उनके द्वारा बेचे जा रहे मीट के बारे में ये क्लियर किया जाए कि ये मीट हलाल है या फिर झटके का है।साभार-दैनिक भास्कर
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