हाल ही में अरब देश बहरीन में पोर्क की बिक्री और आयात पर प्रतिबंध की मांग को लेकर काफ़ी बहस हुई. लेकिन वहाँ की सरकार ने पाबंदी लगाने के एक सांसद के प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
कुवैत और सऊदी अरब को छोड़कर कई मुस्लिम देश ऐसे हैं जहां ‘पोर्क’ यानी सूअर के मांस की बिक्री पर कोई रोक नहीं है. इनमे दक्षिण एशियाई देशों के अलावा संयुक्त अरब अमीरात के देश भी शामिल हैं.
बहरीन
इस अरब देश में हाल ही में ‘पोर्क’ को लेकर काफी बहस चली. एक सांसद ने मांग की थी कि बहरीन में ‘पोर्क’ की बिक्री और आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए क्योंकि यह इस्लाम में हराम है.
लेकिन सरकार ने सांसद के इस प्रस्ताव को यह कहकर ठुकरा दिया कि ऐसा करना ग़ैर मुसलमानों के मौलिक अधिकार का हनन करने के बराबर होगा.
‘पोर्क’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग बहरीन के सांसद अब्दुल्लाह बिन होवैल वर्ष 2015 से ही करते आ रहे हैं
लेकिन इसी बीच बहरीन की सबसे बड़ी धार्मिक इकाई ‘शूरा काउंसिल’ ने उन तमाम प्रस्तावों को ख़ारिज कर दिया जिनके तहत ‘पोर्क’ की बिक्री को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता था.
बहरीन की सरकार का कहना है कि जो ‘पोर्क’ देश में आयातित होता है उसके सभी मानकों की कड़ाई से जांच की जाती है. बहरीन में बाहर से आकर काम करने वालों की काफ़ी बड़ी संख्या है और इनमे ग़ैर मुसलमान भी बड़ी तादाद में हैं.
दुबई
संयुक्त अरब अमीरात के सबसे लोकप्रिय शहर दुबई में भी शराब की तरह ग़ैर-मुसलामानों के लिए ‘पोर्क’ खाने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है. सुपर मार्केटों मॉलों में जहाँ पोर्क बिकता है, उन्हें बोर्ड लगाना पड़ता है कि यह ग़ैर मुसलमानों के लिए ही है. लेकिन ख़रीदने वाले ग्राहकों की पहचान पूछी भी नहीं जाती है.
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया के कई ऐसे प्रांत हैं जैसे बाली, उत्तरी सुमात्रा, पूर्वी नूसा टेंग्गारा, मलूकू, पपुआ और पश्चिम पपुआ में मुसलामानों की आबादी उतनी नहीं हैं. इसलिए यहां ‘पोर्क’ खुलेआम बेचा जाता है. मुसलमानों के लिए होटलों पर बोर्ड लगे होते हैं कि ‘यहां हलाल मांस मिलता है और ‘पोर्क’ नहीं बेचा जाता है.
ग़ैर मुसलमानों की आबादी में ‘पोर्क’ की काफ़ी खपत है और पूरे इंडोनेशिया में खाए जाने वाले मांस में ‘पोर्क’ 25 प्रतिशत है.
मलेशिया
मलेशिया एक मुस्लिम बहुल राष्ट्र है जहां मुसलामानों की आबादी 60 प्रतिशत है. इसलिए मलेशिया की सरकार ने ‘पोर्क’ के लिए अलग इलाकों को चिन्हित किया है जहां सूअर के फ़ार्म बनाने की अनुमति दी गई है. इस तरह के फ़ार्म ज़्यादातर पूर्वी मलेशिया में हैं और इसके अलावा ग़ैर मुसलमानों की आबादी वाले प्रांतों में हैं. जैसे पेनांग, पेराक, सेलेंगोर, मालक्का और जोहोर.
ब्रुनेई
ब्रुनेई में ‘पोर्क’ आयात किया जाता है. जानवरों को यहां नहीं काटा जाता है. ज़्यादातर ‘पोर्क’ का आयात मलेशिया से ही किया जाता है. यहाँ भी ग़ैर मुसलामानों के ‘पोर्क’ खाने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है.
लेबनान
यहाँ भी ग़ैर मुसलमान ‘पोर्क’ खाते हैं और बेचते भी हैं और इस पर कोई पाबंदी नहीं है.
तुर्की
तुर्की में भी ‘पोर्क’ सदियों से खाया जाता रहा है और यहाँ भी किसी के भी ‘पोर्क’ खाने पर कोई पाबंदी नहीं है. चाहे वो किसी धर्म का मानने वाला क्यों ना हो.साभार-बीबीसी
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