गाजियाबाद। बिना ही टेंडर कराए जलकल विभाग द्वारा कई करोड़ रुपए से 10 ट्यूबवेल तैयार करने का जल निगम को दिए गए। कार्य में हुए कथित घोटाले को लेकर निगम की खूब किरकिरी हो रही है। इसलिए 15 दिन पहले इस घोटाले के सामने आने के बाद भी नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर इस मामले में कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं। इसी को लेकर अब सवाल भी खड़े हो गए हैं।
भाजपा पार्षद दल नेता राजेंद्र त्यागी ने ही करीब 15 दिन पहले इस घोटाले को उजागर किया था उनका आरोप था कि जलकल विभाग ने बिना ई टेंडर की प्रक्रिया को पूरा कराए ही 9 नलकूप के रिबोर और एक नलकूप को लगाने का कार्य जलकल निगम को दे दिया था। जल निगम को वर्क आर्डर देने से पहले ही नगर निगम ने 7 दिसंबर को 2 करोड़ 58 लाख रुपया जारी कर दिया। जबकि नगर निगम ने जल निगम को कार्य करने के लिए वर्क आर्डर जारी करने के लिए निर्देश 10 दिसंबर को दिए थे।
शायद ऐसा पहली बार हुआ कि नगर निगम ने एडवांस में पैसा जारी कर दिया। इसको लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पार्षद राजेंद्र त्यागी का कहना है कि निगम में इस तरह के खेल नहीं चलने दिए जाएंगे। नगर आयुक्त कई दिनों से बाहर थे। आज नगर आयुक्त आए हैं, अब देखना है कि वह क्या कदम उठाते हैं। उनका कहना है कि निगम चाहे तो जल निगम को सुपरविजन का कार्य दे सकता है। मगर यह खेल नहीं चलने दिया जाएगा। उनका कहना है कि अगर इसमें एक्शन नहीं हुआ तो वह मुख्यमंत्री से बात या फिर अगला कदम भी उठाने पर विचार करेंगे।साभार-युग करवट
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