जिस भी वाहन मालिक ने नंबर प्लेट के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा दिया है और उसके पास रसीद है तो उसे जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। लेकिन अगर उसके पास रसीद नहीं है और नंबर प्लेट भी तय मानक के अनुरूप नहीं है तो उसे जुर्माना भरना ही होगा
दिल्ली-एनसीआर में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडेड स्टिकर अनिवार्य हो गए हैं। इससे गाड़ी मालिकों की बैचेनी बढ़ सी गई है। जिस भी वाहन में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडेड स्टिकर नही होंगे उन पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी दिल्ली-एनसीआर में उन लोगों को हो रही है, जिनके वाहन दिल्ली-एनसीआर से बाहर रजिस्टर्ड हैं, लेकिन वे नौकरी के चलते रहते दिल्ली-एनसीआर में रह रहे हैं।
क्योंकि अधिकांश राज्यों में अभी तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडेड स्टिकर लगना शुरू नहीं हुए हैं। इसके चलते ऐसे वाहन मालिकों को तगड़ा जुर्माना देना पड़ रहा है। इधर, दिल्ली-एनसीआर में बाहरी राज्यों की गाड़ियों को लेकर हो रही परेशानी को देखते हुए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इसे राज्यों का विषय बताकर अपने हाथ खड़े कर दिए हैं।
वाहन मालिक के पास रसीद है तो नहीं लगेगा जुर्माना
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने के अनुरोध पर अमर उजाला से कहा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही हमने दिल्ली में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडेड स्टिकर अनिवार्य कर दिए हैं। जिस भी वाहन मालिक ने नंबर प्लेट के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा दिया है और उसके पास रसीद है तो उसे जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। लेकिन अगर उसके पास रसीद नहीं है और नंबर प्लेट भी तय मानक के अनुरूप नहीं है तो उसे जुर्माना भरना ही होगा। लोगों की परेशानी को देखते हुए हमने फिलहल चालान की कार्रवाई को धीमा कर रखा है। इसलिए अभी फिलहाल 5,500 रुपये का चालान ही काटा जा रहा है, लेकिन दो माह के बाद हम इसे बढ़ाने वाले है।
अन्य राज्यों ने दिल्ली से कहा हमारे पास अभी कोई व्यवस्था नहीं
अधिकारी ने आगे कहा, बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिनकी गाड़ी मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड या फिर किसी दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड हैं और वे दिल्ली में रह रहे है। वहीं उन राज्यों में अभी तक रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडेड स्टिकर की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। अधिकारी का कहना है कि कई राज्यों की तरफ से हमें संदेश मिले हैं कि वे जल्द से जल्द इस प्रकिया को शुरू करने जा रहे है।
बाहरी वाहनों के लिए दिल्ली में कोई विकल्प नहीं
उन्होंने बताया कि, अगर किसी बाहरी राज्य के वाहन मालिक के पास नंबर प्लेट अप्लाई करने की रसीद है तो उसे हम छोड़ देंगे। अगर नहीं है तो उसे भी जुर्माना देना होगा। बाहरी राज्यों के वाहन मालिकों की परेशानी को देखते हुए दिल्ली में नंबर प्लेट लगाने वाली कंपनी से हम इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं। ताकि लोग अपने राज्यों में रजिस्ट्रेशन करवा लें और नंबर प्लेट यहां लगावा लें। लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। हम कंपनी से लगातार चर्चा कर रहे हैं, लेकिेन फिलहाल कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है।
पहले कर रहे हैं दिल्ली पर फोकस
बाहरी वाहन मालिकों के लिए अन्य विकल्प के सवाल पर अधिकारी ने कहा, बाहरी लोगों को इतना घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि दिल्ली में अभी केवल उन्हीं वाहनों के चालान काटे जा रहे हैं जो दिल्ली में रजिस्टर्ड हैं। लेकिन लोगों को अगर गाड़ी चलानी है तो अगले दो तीन माह में एचएसआरपी लगवानी होगी। चालान की रसीद कटने के बाद वे एक माह गाड़ी चला सकेंगे, लेकिन फिर उन्हें दोबारा जुर्माना देना होगा। नियमों के मुताबिक दिल्ली की सड़कों पर चलने वाली सभी गाड़ियों में एचएसआरपी होना अनिवार्य है।
कोरोना काल में अधिकांश लोग अपने वाहन लेकर पहुंचे दिल्ली
कोरोना काल में पब्लिक ट्रांसपोर्ट से बचने के लिए अधिकांश लोग अपने वाहन से ही सफर करना जरुरी समझ रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों के लोग काम करते हैं ऐसे में अधिकांश लोग अपने वाहन लेकर आ गए हैं। इससे वाहन मालिकों को हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडेड स्टिकर नहीं होने से ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलगांना समेत कई राज्यों में नहीं है कोई व्यवस्था
दिल्ली, हिमाचल और हरियाणा में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडेड स्टिकर गाड़ियों के लिए जरूरी कर दिए हैं। लेकिन देश के अन्य राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलगांना, कर्नाटक समेत कई राज्यों में अभी ये व्यवस्था नहीं है।
अमर उजाला ने इस मामले में पड़ताल की तो सामने आया कि इन राज्यों में कोई सिस्टम तैयार ही नहीं है। कहीं प्रक्रिया चल रही है तो कई नंबर प्लेट लगाने वाली कंपनियों की गड़बड़ी के मामले कोर्ट में चल रहे हैं। इसके कारण इन राज्यो में ये काम अटका हुआ है।
नोएडा, गाजियाबाद के लोग दिल्ली आकर लगवा सकते हैं प्लेट
रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडेड स्टिकर के लिए www.bookmyhsrp.com पोर्टल पर ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। ऑनलाइन बुकिंग के दौरान डीलर के यहां नंबर प्लेट लगवाने के साथ-साथ नंबर प्लेट की होम डिलिवरी का भी विकल्प है। जिन वाहनों में पहले से ही एचएसआरपी लगी है और उन गाड़ियों में कलर कोडेड स्टिकर लगवाना है, तो इसके लिए पोर्टल पर अलग से लिंक दिया गया है। वहां पर स्टिकर के लिए अप्लाई किया जा सकता है।
पोर्टल पर प्राइवेट और कमर्शियल गाड़ी के दो ऑप्शन दिए गए हैं। चार पहिया वाहनों में दो नंबर प्लेट के अलावा विंड स्क्रीन पर एक तीसरा स्टिकर लगता है, जिसे थर्ड रजिस्ट्रेशन प्लेट या कलर कोडेड स्टिकर कहते हैं। जिस पर रजिस्ट्रेशन नंबर होता है, किस दिन गाड़ी ली, उसमें भी होलोग्राम है। इससे पहचान होती है कि गाड़ी कौन से ईंधन से चलती है। अगर कोई गाड़ी डीजल है तो ऑरेंज स्टिकर होगा। पेट्रोल है तो ब्लू स्टिकर होगा। इलेक्ट्रिक व्हीकल है तो ग्रे कलर का स्टिकर होगा।
दिल्ली के प्रमुख इलाकों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने के लिए कुछ वाहन डीलरों को अनुमति दी गई है। इन सेंटरों पर जाकर दोपहिया वाहनों के लिए 365 रुपये और चार पहिया वाहनों के लिए 600 से 1100 रुपये में एचएसआरपी नंबर प्लेट लगवा सकते हैं। एक अनुमानित आंकड़े के अनुसार दिल्ली में करीब 70 लाख निजी वाहन हैं, जिनमें 40 लाख दोपहिया वाहन, 25 लाख चार पहिया वाहन, 15 लाख व्यावसायिक वाहन हैं, इनमें मात्र पांच लाख वाहनों में ही अभी तक हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाई जा सकी है।साभार-अमर उजाला
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