गाजियाबाद। शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के मकसद से बनाया 69 करोड़ रुपये का इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) प्रोजेक्ट तीन साल से सिर्फ कागजों में दौड़ रहा है। प्रोजेक्ट को लेकर आईआईटी रुड़की से सर्वे कराया गया है और उसके बाद टेंडर भी जारी हुआ लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ। जीडीए ने टेंडर जारी किया लेकिन बाद में पता चलता कि एक ब्लैक लिस्ट कंपनी को टेंडर दे दिया गया है तो आननफानन प्रोजेक्ट से ही किनार कर लिया। अब जीडीए ने यह कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया है कि नगर निगम स्मार्ट सिटी योजना के तहत इसे शामिल करे तो प्रोजेक्ट पर आने वाले खर्च का बाहर अथॉरिटी पर नहीं पड़ेगा।
जाम फ्री और ट्रैफिक व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखने के लिए आईटीएमएस प्रोजेक्ट पर वर्ष 2017 से काम शुरू हुआ। शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए आईआईटी रुड़की से प्रोजेक्ट तैयार कराया गया। इसमें आईटीएमएस को शामिल किया गया। सर्वे के बाद शहर की प्रमुख आठ सड़कों को ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाना था। 112 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल के साथ आधुनिक पीटीजेड कैमरा, व्हीकल डिटेक्शन कैमरा, नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरा, 15 चौराहों पर रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरों लगाए जाने का प्लान फाइनल हुआ। तीन साल लगातार जीडीए, नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय, यूपीएसआईडीसी व अन्य विभागों के बीच बैठकें कर प्रोजेक्ट तैयार हुआ। उसके बाद इंदिरापुरम की एक फर्म को ठेका दिया था, जिसे मध्य प्रदेश पुलिस ने ब्लैक लिस्ट किया था। इसके बाद विधि अनुभाग की राय पर जीडीए ने ठेका निरस्त कर प्रोजेक्ट को रोक दिया। जबकि टेंडर रद्द होने से पहले कंपनी एलिवेटेड रोड और हिंडन एयरफोर्स स्टेशन के पास पोल लगाकर काम शुरू किया था।
मंडलायुक्त के निर्देश पर एलिवेटेड कॉरिडोर पर हुआ काम भी ठप
जनवरी 2020 की बैठक में मंडलायुक्त अनीता सी. मेश्राम ने जीडीए व नगर निगम अधिकारियों से कहा कि प्रोजेक्ट पूरे शहर की जगह दो कॉरिडोर पर लागू किया जाए। प्राथमिकता के तौर पर एलिवेटेड रोड से हिंडन एयरपोर्ट तक के कॉरिडोर को शामिल किया गया था। बैठक में ही स्मार्ट सिटी योजना के फंड से आईटीएमएस प्रोजेक्ट के दो चरणों में पांच-पांच करोड़ रुपए दिए जाने का प्रस्ताव था।
मेरठ रोड तिराहे पर बनना था कमांड सेंटर
आईटीएमएस का मेरठ रोड तिराहे पर ट्रैफिक कमांड सेंटर बनाया बना था। कमांड सेंटर में 70-70 इंच की 16 स्क्रीन लगाई जानी थी। ट्रैफिक पुलिस के पास कमांड सेंटर के साथ पूरे आईटीएमएस के संचालन का जिम्मा सौंपा जाना था। जीडीए की ओर से फाइनल की जाने वाली एजेंसी को पांच साल तक पूरे सिस्टम के मेंटेनेंस का जिम्मा सौंपा गया था। इसके बाद सिस्टम ट्रैफिक पुलिस को हैंडओवर किया जाना था।
राज्य स्मार्ट सिटी योजना में पूरा होगा आईटीएमएस प्रोजेक्ट
प्रोजेक्ट को अब नगर निगम ने राज्य स्मार्ट सिटी योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है। प्रोजेक्ट का खाका खींचने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने जीडीए अभियंत्रण अनुभाग से प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट हासिल की है। फिलहाल जीडीए के ही 69 करोड़ के आईटीएमएस प्रोजेक्ट को नगर निगम आंशिक संशोधन के साथ राज्य स्मार्ट सिटी योजना में शामिल करेगा। राज्य स्मार्ट सिटी योजना की होने वाली आगामी बैठक में आईटीएमएस प्रोजेक्ट का विस्तृत खाका रखा जाएगा।
राज्य स्मार्ट सिटी योजना की आगामी बैठक में आईटीएमएस प्रोजेक्ट को रखा जाएगा। अभी तक जीडीए की ओर से तैयार आईटीएमएस प्रोजेक्ट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उसी प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है। -मोइनुद्दीन, मुख्य अभियंता, नगर निगम-साभार-अमर उजाला
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