गाजियाबाद। राजकुंज से इंग्राहम इंस्टिट्यूट के जंगल में घुसा तेंदुआ तीसरे दिन भी वन विभाग के हाथ नहीं आया। बृहस्पतिवार को प्रशासन से ड्रोन की अनुमति लेने की प्रक्रिया में ही पूरा दिन बीत गया, जिस कारण तेंदुए की तलाश में सर्च ऑपरेशन नहीं चल सका। अब अगले 24 घंटे अहम माने जा रहे हैं। वन्य जीवों के विशेषज्ञों की मानें तो तीन दिन से भूखा तेंदुआ भोजन की तलाश में बाहर आ सकता है। ऐसे में या तो वह वन विभाग में पिंजरों में रखे मीट को खाने पहुंचेगा या बाहर आकर किसी पर हमला भी कर सकता है। वन विभाग ने इंग्राहम इंस्टिट्यूट के 65 एकड़ क्षेत्र को हाईरिस्क जोन घोषित कर दिया है। प्रशासनिक अनुमति मिलने के बाद शुक्रवार से ड्रोन से सर्च अभियान चलाया जाएगा।
कैंपस में रह रहे लोगों को विभाग द्वारा विशेष हिदायत देकर पूरी तरह सतर्क रहने को कहा गया है। वन विभाग का मानना है कि तेंदुआ इंग्राहम कैंपस में ही है, क्योंकि इस कैंपस में घुसते हुए तो लोगों ने उसे देखा है, लेकिन बाहर निकलते किसी ने नहीं देखा। वन विभाग की ओर से बृहस्पतिवार को तेंदुए की तलाश के लिए ड्रोन कैमरों के जरिए सर्च ऑपरेशन चलाया जाना था, लेकिन प्रशासनिक अनुमति लेने में दिन बीत गया। शुक्रवार को यह ऑपरेशन चलाने के लिए वन विभाग ने तैयारी कर ली है। वन्य जीवों के जानकारों का कहना है कि आमतौर पर तेंदुआ एक बार में करीब 20 से 24 किलो मांस खा लेता है।
इसके बाद उसे तीन से सात दिन तक भोजन की आवश्यकता नहीं रहती है। अब तीन दिन बीत चुके हैं। ऐसे में तेंदुआ भोजन की तलाश में फिर से बाहर निकल सकता है। ऐसे में वह कॉलोनियों में भी पहुंच सकता है, जिसे लेकर लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। डीएफओ दीक्षा भंडारी का कहना है कि आमतौर पर खुले रिहायशी क्षेत्र में तेंदुआ या दूसरे किसी हमलावर वन्य जीव के घुस जाने पर आसपास के संभावित क्षेत्र को हाईरिस्क जोन घोषित कर दिया जाता है। वर्तमान प्रकरण में तेंदुआ स्कूल के एक बंद कैंपस में घुसा है। ऐसे में इंग्राहम कैंपस को ही विभाग तेंदुए का संभावित क्षेत्र माना गया है। यहां विभाग की टीम तैनात है।
हिंडन एयरबेस होने की वजह से परमिशन जरूरी
वन विभाग की ओर से नोएडा से ड्रोन सर्वे के लिए टीम बुलाई गई है, लेकिन बृहस्पतिवार को सर्च ऑपरेशन नहीं चलाया जा सका। डीएफओ दीक्षा भंडारी ने बताया कि शहर में हिंडन एयरबेस होने के कारण प्रशासन से लिखित परमिशन ली गई। इसमें काफी समय लग गया। अब विभाग की ओर से शुक्रवार को इंग्राहम कैंपस तथा आसपास के क्षेत्र में ड्रोन से सर्च अभियान चलाया जाएगा।
कमला नेहरू नगर-रइसपुर क्षेत्र में भी हुई कांबिंग
तीन दिन से वन विभाग की टीमें तेंदुए की तलाश में जुटी हैं। बृहस्पतिवार सुबह चार बजे के आसपास टीम ने कमला नेहरू नगर के जंगल और रइसपुर के क्षेत्रों में भी कांबिंग की। सीसीटीवी फुटेज भी देखी गई, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि तेंदुआ या तो इंग्राहम इंस्टिट्यूट में विभाग की टीम के पहुंचने से पहले ही बाहर निकल गया है, या इंग्राहम कैंपस में ही छिप गया है। मेरठ की रेस्क्यू टीम भी शहर में ही मौजूद है।
जीडीए वीसी आवास में कहां से आया तेंदुआ
सबसे पहले तेंदुआ जीडीए वीसी कंचन वर्मा के आवास के जनरेटर रूम में देखा गया। उसके बाद राजकुंज होते हुए इंग्राहम कैंपस में पहुंचा, लेकिन अभी तक तेंदुए के वीसी आवास में आने को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है। वन विभाग के मुताबिक उनके आवास में लगे कैमरों की रेंज में जनरेटर रूम और बैक साइड एरिया कवर नहीं हो रहा, जिससे उनको तेंदुए के आने का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। हालांकि वीसी आवास में तेंदुए के पहले से मौजूद होने को लेकर भी चर्चाएं हैं।
संजयनगर में उड़ी कुत्ते पर हमले की अफवाह
संजयनगर सेक्टर-6 में एक कुत्ते पर हमले को लेकर प्रशासन से शिकायत की गई। जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। छानबीन पर घटना तीन दिन पुरानी निकली। जिसमें एक कुत्ते के बच्चे को दूसरे कुत्ते द्वारा काटे जाने की बात सामने आई। वन विभाग के अधिकारियों ने लोगों को डरने की बजाय सतर्क रहने और हलचल होने पर सूचना देने की अपील की है।
अंधेरे और सुनसान जगह में बढ़ेगी गश्त
वन विभाग ने राजनगर व इंग्राहम कैंपस के आसपास सुनसान व अंधेरे वाले स्थानों पर रात में गश्त बढ़ाने के लिए पुलिस को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि सायरन की आवाज से तेंदुआ हलचल कर सकता है। तेंदुआ आवाज से तुरंत ही विचलित हो जाता है। इससे ट्रेसिंग में मदद मिल सकती है।
लोगों में तेंदुए की दहशत बरकरार
तेंदुए के शहर में आने और फिर ओझल हो जाने से लोगों में डर बना हुआ है। राजनगर, संजयनगर, कमला नेहरू नगर, शास्त्री नगर, कविनगर सहित आसपास के क्षेत्र में लोग खास सतर्कता बरत रहे हैं। बच्चों को घरों से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। शाम होते ही खिड़की, दरवाजे बंद रख रहे हैं। सुबह टहलने से बच रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब तक प्रशासन की ओर से स्थिति साफ नहीं हो जाती, तब तक डर बना रहेगा।
परिचर्चा –
1. तेंदुआ जंगली जानवर है। ऐसे में अपनी ओर से सजग रहना जरूरी है। बच्चों को अकेले बाहर नहीं जाने दे रहे हैं। प्रशासन की ओर से एलाउंसमेंट कर सावधान किया गया था। – डॉ. अंजली वार्ष्णेय
2. दो दिन से मॉर्निंग वॉक पर नहीं जा रही हूं। तेंदुआ के पकड़े जाने तक खतरा बना रहेगा। इसलिए अपने स्तर से पूरी तरह अलर्ट हैं। सुदेश
कोट –
तेंदुए को लेकर लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है। बृहस्पतिवार को भी अंधेरा होने के बाद तक टीम ने अभियान चलाया। शुक्रवार को ड्रोन से भी सर्च ऑपरेशन चलाया जाएगा।
– दीक्षा भंडारी, डीएफओ
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