हाईकोर्ट ने स्कूलों में 11वीं कक्षा में दाखिले के लिए दिल्ली सरकार के 16 अक्तूबर के सर्कुलर को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका में इस सर्कुलर के कारण एक छात्र को सरकारी स्कूल में दाखिला न देने का विरोध किया है। याचिका में छात्र को दाखिला देने के संबंध में निर्देश देने की मांग की गई है। पीठ इस याचिका पर अगली सुनवाई 18 दिसंबर को करेगी।
न्यायमूर्ति जयंत नाथ की एकल पीठ ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। यह याचिका छात्र रवीश कुमार की ओर से वकील अशोक अग्रवाल के माध्यम से दायर की गई है। याचिका में दिल्ली शिक्षा निदेशालय की ओर से 16 अक्तूबर को जारी सर्कुलर को मनमाना, भेदभावपूर्ण, अवैध और संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 21 ए का उल्लंघन करने वाला बताया गया है।
याचिका में इसके साथ यह दावा किया गया है कि यह दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 के प्रावधानों के विरोध में है। इस सर्कुलर के तहत 11वीं कक्षा में दाखिले के लिए एक साल की छूट के साथ अधिकतम आयु 17 वर्ष निर्धारित की गई है और बीच में गैप ईयर है तो भी दाखिला नहीं होगा।
याचिका में कहा गया है कि रवीश कुमार की आयु 31 मार्च 2020 को 17 साल एक महीना और 15 दिन थी और शिक्षा सत्र 2019-20 में वह अपनी मां की बीमारी के कारण पढ़ाई नहीं कर पाया था। मां की देखभाल के लिए उसे बिहार जाना पड़ा था। एक साल के बाद जब वह पढ़ाई के लिए वापस लौटा तो उसे पंडारा रोड स्थित गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दाखिला देने से इनकार कर दिया गया।साभार-अमर उजाला
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