भारत ने रविवार को भारतीय नेवी के स्वदेशी स्टील्थ डिस्ट्रॉयर INS चेन्नई से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने एक बयान जारी करके यह जानकारी दी है।
अरब सागर में INS चेन्नई से दागे गए मिसाइल ने उच्चस्तरीय और बेहद जटिल युद्धाभ्यास के बाद लक्ष्य को सटीकता से पिन-पॉइंट सटीकता से मार गिराया। ब्रह्मोस प्राइम स्ट्राइक हथियार के रूप में नेवल सर्फेस लक्ष्यों को दिन या रात और किसी भी मौसम में समुद्र या सतह पर किसी भी लक्ष्य को 400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक निशाना बनाकर टारगेट को ध्वस्त करने की क्षमता रखता है। इस तरह यह डिस्ट्रॉयर को भारतीय नौसेना का एक और घातक मंच बना देगा।
कई गुणों से लैस ब्रह्मोस को भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नेवी को सफलतापूर्वक लॉन्च के लिए बधाई दी। DDR&D के सेक्रेटरी और डीआरडीओ चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी ने भी वैज्ञानिकों, डीआरडीओ के सभी कर्मचारियों, ब्रह्मोस और भारतीय नेवी को इस सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह भारतीय सेना की क्षमता को कई तरीकों से बढ़ाएगा।
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