सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौजूद अधिकारियों से पूछा कि अगर आप में से किसी के परिवार की बेटी होती तो क्या आप ऐसा होने देते।
लखनऊ। हाथरस की घटना पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रशासन के रवैया से नाराजगी जताते हुए कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने वहां मौजूद अधिकारियों से पूछा कि अगर यह बेटी किसी रसूख वाले की होती है तो क्या इसी तरह से आधी रात को अंतिम संस्कार किया जाता। इसके बीच पीड़ित परिवार ने कोर्ट में कहा कि उनकी बिना मर्जी के उनकी बेटी का अंतिम संस्कार किया गया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौजूद अधिकारियों से पूछा कि अगर आप में से किसी के परिवार की बेटी होती तो क्या आप ऐसा होने देते। परिवार ने कहा कि अंतिम संस्कार के बाद परिवार का कोई भी साथ मौजूद नहीं था सिर्फ कुछ गांव वालों को बुलाकर वहां पर गोबर के उपले रखवा दिए गए थे। कोर्ट में डीएम के उस बयान का का भी जिक्र हुआ जिसमें उन्होंने पीड़िता को कोरोना वायरस होने की बात कही थी।
परिवार ने अपनी सुरक्षा का खतरा भी जताया-
परिवार ने इसके साथ ही सीबीआई की जांच रिपोर्ट गोपनीय रखने की भी मांग की है। परिवार ने अपनी सुरक्षा का खतरा भी जताया है और सुरक्षा जारी रखने की मांग कोर्ट में की. हालांकि प्रशासन की तरफ से कोर्ट को जानकारी दी गई कि पीड़ित परिवार को पहले से ही सुरक्षा दी गई है।
2 नवंबर को अगली सुनवाई होगी तब प्रशासन को पीड़ितों ने जो मुद्दे कोर्ट के सामने उठाए थे उन पर जवाब देना होगा। वहीं पीड़ितों को हलफनामा दायर कर बताना होगा, उन बातों को जो उन्होंने कोर्ट के सामने कहीं हैं।
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