सुप्रीम कोर्ट अब ये विचार कर रहा है कि क्या SC/ST/OBC के अंदर आरक्षण का लाभ जरूरतमंदों को पहुंचाने के लिए इन समूहों में सब कैटेगरी बनाई जा सकती है।
देश की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले पर विचार करने के लिए 7 जजों की एक संवैधानिक बेंच गठन करने का फैसला लिया है। ये खंडपीठ इस विषय पर विचार करेगी कि क्या एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण सूची के अंदर ही एक और उपसूची तैयार की जाए, ताकि इसका फायदा इन्ही तीन समूहों के अत्यंत पिछड़े लोगों को मिल सके।
इस मामले पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को अदालत ने कहा कि अगर राज्य सरकार के पास आरक्षण देने की शक्ति होती है, तो वह उप-वर्गीकरण (sub classification) करने की भी शक्ति रखती है और इस प्रकार के उप-वर्गीकरण को आरक्षण सूची के साथ छेड़छाड़ के बराबर नहीं माना जा सकता है।
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