उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य विश्वविद्यालयों की फाइनल ईयर या फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं छोड़कर बाकी परीक्षाएं रद्द घोषित कर दी हैं। सकार ने इसे लेकर निर्देश भी जारी कर दिए हैं। सरकार ने निर्देश दिए कि राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाएं सितंबर के अंत तक ऑफलाइन या मिश्रित तरीके (ऑनलाइन- ऑफलाइन दोनों मोड में) से आयोजित कराई जाएंगी। वहीं स्नातक प्रथम व द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर में प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स आंतरिक मूल्यांकन व पिछली परीक्षा मे मिले अंकों के आधार पर प्रोन्नत किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में 18 राज्य विश्वविद्यालय हैं जिनसे संबंधित कॉलेजों में 48 लाख से अधिक विद्यार्थी हैं।
बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देशभर के स्कूल-कॉलेज की परीक्षाएं स्थगित करना पड़ी। स्कूलों को लेकर तो राज्य शिक्षा बोर्ड तो फैसले ले ही रहे हैं, लेकिन कॉलेज और यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं को लेकर बहुत कम राज्य फैसला कर पाए हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने इन परीक्षाओं को लेकर आखिरकार फैसला कर ही लिया।उपमुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने फाइनल ईयर या फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं छोड़कर बाकी परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा की।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने कोरोना संक्रमण की मौजूदा परिस्थिति में राज्य में परीक्षा के आयोजन, उसके स्वरुप व अन्य मामलों को लेकर एक कमेटी गठित की थी। मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में गठित 4 सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। इसमें समिति ने दूसरे प्रदेशों की तरह उत्तर प्रदेश में भी कॉलेज-विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं नहीं कराने और विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के प्रोन्नत करने का सुझाव दिया था। बताया जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की मौजूदगी में पिछले दिनों हुई बैठक में कमेटी के प्रस्ताव पर सिद्धांतिक रूप से सहमति भी बन गई थी, लेकिन इसकी घोषणा सरकार ने अब जाकर की।
साभार : नई दुनिया।
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