Coronavirus की वजह से पिछले दो-ढाई महीनों तक देश में सभी क्षेत्रों में काम प्रभावित हुआ। इसकी वजह से केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों को राहत प्रदान की। सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की अंतिम तारीख को 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया है। 26AS फॉर्म में कई बदलाव किए गए हैं, अत: इसे भरते समय पूरी सावधानी बरतना चाहिए। ITR फाइल करते समय हम कई ऐसी गलतियां कर देते हैं जिनकी वजह से आगे चलकर हमें बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, इसलिए इसे भरते समय पूरा ध्यान रखना चाहिए।
वैसे यदि इसमें कोई गलती हो गई तो उसे रिवाइज रिटर्न के जरिए सही करने का विकल्प टैक्सपेयर्स के पास होता है। समय पर रिटर्न की गलतियों को ठीक नहीं कराया गया तो पेनल्टी का सामना भी करना पड़ सकता है।
टैक्स भरते समय अपनी इनकम का कैलकुलेशन सही तरीके से नहीं कर पाते हैं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है। ई-फाइलिंग के दौरान फॉर्म के सभी कॉलम ठीक से भरने होंगे। कम्प्यूटर में दिया गया रिजल्ट आपके दिए आंकड़ों के बराबर नहीं आता है तो डिटेल्स दोबारा चेक कर लें। यदि आपने अपनी इनकम या सेविंग्स गलत दर्ज कर दी है तो चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि आप रिवाइज रिटर्न दाखिल कर इसे सही कर सकते हैं। पहले दायर किए रिटर्न में कोई गलती है तो तुरंत रिवाइज रिटर्न दाखिल कर देना चाहिए।
अधिकांश टैक्सपेयर्स रिटर्न फाइल करने के लिए अंतिम तारीख का इंतजार करते हैं। इसकी वजह से कई बार जल्दबाजी में गड़बड़ी की संभावना रहती है, इसलिए समय रहते पहले ही रिटर्न भरेंगे तो आसानी होगी।
कई बार हम अपने सभी बैंक खातों की जानकारी नहीं देते हैं, यह गैरकानूनी है। आयकर विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि टैक्सपेयर्स को अपने सभी बैंक खातों की जानकारी देना जरूरी है।
यह ध्यान रखना चाहिए कि 26AS फॉर्म में आपकी इनकम पर जो TDS के आंकड़े दिए गए हैं, वहीं ITR फॉर्म में भरे जाने चाहिए।
रिटर्न भरने के बाद ऑनलाइन वेरिफिकेशन कराना भी जरूरी होता है क्योंकि जब तक रिटर्न वेरिफाई नहीं होता तब तक रिटर्न की प्रक्रिया अधूरी मानी जाती है। इसे दो तरीकों से वेरिफाई किया जा सकता है। आप आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल से टैक्स को वेरिफाई कर सकते हैं या सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) बेंगलुरु भेजकर भी उसे वेरिफाई करवा सकते हैं।
ITR फॉर्म भी अलग-अलग तरह के होते हैं। नौकरी पेशा लोगों के लिए अलग-अलग फॉर्म होता है जबकि व्यापारियों के लिए अगल फॉर्म होता है। आपको सही फॉर्म भरना चाहिए क्योंकि गलती की दशा में आपका फॉर्म स्वीकार नहीं किया जाएगा और आयकर विभाग की तरफ से आपको नोटिस आएगा।
यदि आपने साल भर के अंदर नौकरी छोड़ कर दूसरी नौकरी ज्वॉइन की हैं तो रिटर्न भरते वक्त दोनों कंपनियों से हुई इनकम का रिटर्न फाइल करें अन्यथा आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।कई बार हमें लॉस भी होता है जिसे हम ITR में नहीं दिखाते हैं। ऐसा करना ठीक नहीं है क्योंकि किसी साल में हुए नुकसान को अपने रिटर्न में शामिल कर आप अपनी टैक्सेबल इनकम को कम कर सकते हैं।
साभार : नई दुनिया
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