श्रमिक एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेनों के यात्रियों द्वारा रेलवे प्लेटफार्म पर खाने पीने की लुटती दुकानों के वीडियो वायरल बाद रेलवे के वेंडरों ने दुकान खोलने से हाथ खड़े कर दिए हैं। अपनी परेशानी बताते हुए वेंडरों ने भारतीय रेलवे से कहा है कि उनपर दुकान को खोलने का दबाव नहीं बनाया जाए।
अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर गुप्ता ने मीडिया से कहा,’ कोविड19 का मामला लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। हम किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं ले सकते है। न तो किसी यात्री की जान को खतरे में डाल सकते है न ही हमारे एक भी वेंडर की।’
‘इसलिए हमने रेलवे बोर्ड से आग्रह किया है जैसे-जैसे वेंडर अपने घरों से आते जाएंगे उसके बाद रेलवे स्टेशनों पर सतर्कता के साथ दुकानों को खुलवाते जाएंगे। प्लेटफार्म की दुकानों को जल्दी खोलने के लिए हम पर दबाव न बनाया जाए।’
उन्होंने कहा,’कोविड से पहले नियमित ट्रेनें चल रही थी तो स्टेशन पर यात्रियों की आवाजाही बनी रहती थी। लेकिन अब स्पेशल ट्रेन और श्रमिक स्पेशल ट्रेने चल रही हैं। इनमें से अधिकांश नॉन स्टॉप ट्रेन हैं। कई ट्रेनें हर स्टेशन पर रुक भी नहीं रही हैं। कई स्टेशन ऐसे भी हैं जहां दिन भर में केवल एक या दो ही ट्रेनें रुक रही हैं। इससे व्यापार नहीं हो रहा है। जबकि दुकान खोलने वाला वेंडर परेशान हो रहा है।’
पिछले दिनों में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से जा रहे मजदूरों द्वारा स्टेशन रुकने पर एक ‘चिप्स’ और नमकीन वाली दुकान का शीशा तोड़ कर सामान लूटने का वीडियो वायरल हुआ था, वहीं दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन पर भी पानी की बोतलें लूटने का वीडियो खूब वायरल हुआ था।
लूट रहे हैं दुकानें
अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर गुप्ता ने मीडिया को बताया, ‘ट्रेनों की आवाजाही तो रही है लेकिन जिस तरह से ‘श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सफर कर रहे यात्रियों ने स्टेशन पर लूटपाट मचाई है और मारपीट की है उसे देखकर कोई भी वेंडर अभी अपनी दुकान खोलने को तैयार नहीं है।’
‘फिलहाल स्टेशनों पर सुरक्षा का कोई बंदोबस्त भी नहीं है।खानपान के स्टाल के संचालक अपनी दुकानें खोलने को तैयार नहीं है। कई बार देखने में यह भी आया है सामाजिक दूरी बनाने के नियम का भी ऐसे यात्री पालन नहीं कर रहे है।’
गुप्ता ने आगे कहा, ‘जबलपुर स्टेशन पर हुई दुकान की लूटपाट का तो वीडियो वायरल हो गया लेकिन वह एक मात्र स्टेशन नहीं है जहां इस तरह की वारदात को अंजाम दिया गया है।’
‘जबलपुर, कानपुर, बनारस कैंट सहित कई स्टेशनों पर स्टॉल तोड़कर लूटकर ले गए है। इसकी जानकारी हमने रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड को भी दी गई है।’
वह आगे कहते हैं, ‘हमारी मांग है स्थानीय प्रशासन को रेलवे बोर्ड ये अधिकार दे कि जोनल रेलवे के अफसरों के साथ मिलकर स्थानीय प्रशासन हर स्टेशन की व्यवस्था तैयार करे। ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो। वहीं वेंडर भी अपना व्यापार सुरक्षित तरीके से कर सके।’
फीस हो माफ
अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया,’हमने ने रेलवे बोर्ड के चैयरमेन को सुझाव दिया है कि जितने प्रतिशत ट्रेने कम हुई हैं उतनी प्रतिशत हमारी लाइसेंस फीस भी कम कर दी जाएं। जब ट्रेनें नहीं है, यात्री नहीं है तो हमारा व्यापार कैसे चलेगा।’
‘हर स्टेशन पर ट्रेनों और यात्रियों के आवाजाही के अलावा कई मानकों को ध्यान में रखकर ये लाइसेंस फीस तय की जाती है। रेलवे से हमने यह भी कहा है कि जिस तरह से आईआरसीटीसी ने रेलवे स्टेशन पर अपने फूड प्लाजा से 10 प्रतिशत लाइसेंस फीस ले रहा है तो उसी हिसाब से हमसे भी लाइसेंस फीस ली जाए।’
गौरतलब है कि, रेलवे ने 21 मई को सभी जोनल रेलवे स्टेशनों के भीतर और प्लेटफार्म की दुकानों को खोलने का आदेश दिया था। लेकिन ट्रेनों के नियमित संचालन नहीं होने और लूटपाट की घटना सामने आने के बाद से दुकानदार दुकानों को खोलने से बच रहे है।
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