उत्तर प्रदेश में लंबे समय से अटकी 5200 पदों पर लेखपालों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। लॉकडाउन के बाद भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। राज्य परिषद में की जाने वाली इस भर्ती की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) को सौंपी गई है। इस संबंध में राजस्व परिषद ने UPSSSC को प्रस्ताव सौंप दिया है।
दरअसल, लेखपालों की भर्ती को लेकर राजस्व परिषद और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। विवाद था कि भर्ती करे कौन। क्योंकि सामान्य रूप से राजस्व परिषद ही लेखपालों की भर्ती करता था। लेकिन राज्य सरकार के एक फैसले ने यह अधिकार UPSSSC के पास चला गया।
राज्य सरकार ने ग्रुप ‘सी’ अथवा समूह ‘ग’ तक के पदों पर की जाने वाली भर्ती की जिम्मेदारी UPSSSC को दे दिया था और इसी के साथ लेखपालों की भर्ती का अधिकार भी UPSSSC के पास चला गया था। हालांकि, राजस्व विभाग के अधिकारी यह जिम्मेदारी किसी और विभाग को नहीं देना चाहते थे। यही कारण था कि करीब एक साल से 5200 पदों पर लेखपालों की भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है।
हालांकि, राज्य सरकार ने अब इस भर्ती की जिम्मेदारी UPSSSC को दे दी है। उच्च अधिकारियों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। UPSSSC को इस संबंध में प्रस्ताव भी मिल गया है। इस फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि जल्द ही लेखपालों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकलेगा और राजस्व परिषद को जल्द से जल्द लेखपाल मिल सकेंगे। बता दें कि उत्तर प्रदेश के राजस्व परिषद् में लेखपाल के 30837 पद हैं।
उम्मीद जताई जा रही है कि लॉकडाउन के खत्म होते ही UPSSSC 5200 पदों पर लेखपालों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकालेगा और ऑनलाइन आवेदन के जरिए परीक्षा की घोषणा की जाएगी।
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