राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज में कोरोना का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। इसी सिलसिले में मंगलवार (31 मार्च) को तबलीगी जमात के मौलाना साद और अन्य के खिलाफ महामारी कानून 1897 के अंतर्गत केस रजिस्टर किया गया है। दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने यह जानकारी दी।
इससे पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने निजामुद्दीन मरकज़ मामले में FIR दर्ज़ करने के लिए उपराज्यपाल को पत्र लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई थी कि राज्यपाल इस मामले पर जल्द ही कोई आदेश जारी करेंगे। केजरीवाल ने कहा, “अगर किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।”
दिल्ली में कोरोना के हालात पर केजरीवाल ने कहा, “अभी तक दिल्ली में 97 केस हैं और 97 मामलों में से 24 मामले निज़ामुद्दीन मरकज़ के हैं। 41 मामले विदेश की यात्रा करनेवालों से हैं और 22 विदेशी यात्रियों के परिवार के सदस्य हैं, जबकि 10 मामलों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।”
निजामुद्दीन मरकज से मंगलवार (31 मार्च) तड़के 1033 लोगों को निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया गया है। इनमें 24 कोरोना पॉजिटिव हैं 700 को क्वारंटाइन किया गया है। कुल मिलाकर इस मरकज में लगभग 1500 से 1700 लोग ठहरे हुए थे, सभी को इस मरकज से निकाल दिया गया है। ये सभी लोग एक धार्मिक समारोह में भाग लेने यहां आए हुए थे।
तबलीगी जमात का यह भवन छह मंजिला है और इसमें में 2 हजार लोगों के रहने की व्यवस्था है। यह भवन निजामुद्दीन दरगाह से सटा हुआ है। मरकज में सोमवार (30 मार्च) को आए जिस शख्स की मौत हुई थी, अब उसके परिवार को क्वारंटाइन (एकांतवास) में भेजा गया है। यहां लोग जमात में शामिल होने के लिए 13 मार्च से जुटे थे। यहां कश्मीर, अंडमान, सऊदी, थाईलैंड, इंडोनेशिया से लोग जुटे थे।
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