रेडिएशन थेरेपी कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि यह उन्हें नई ज़िदगी देकर उसे खुशियों से भर देते हैं। लेकिन,यह काफी चौंकाने वाली बात है कि ज्यादातर लोग इसका लाभ न लेते हुए दुख को झेलते रहते हैं। ऐसा लोगों में कैंसर की जानकारी न होने के कारण होता है, जिसकी वजह से वे इसका इलाज नहीं करा पाते हैं।
हमारा गाज़ियाबाद की टीम ने दुहाई, मेरठ रोड स्थित श्री जगन्नाथ कैंसर धर्मार्थ अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विख्यात कैंसर विशेषज्ञ डॉ. ऋषि कुमार गुप्ता से रेडिएशन थेरेपी तथा कैंसर के विषय में विस्तार से बातचीत की, प्रस्तुत है वार्ता प्रमुख अंश
कैसे होता है कैंसर?
किसी व्यक्ति के शरीर में अनियंत्रित रूप से सेल्स का विकास होने को कैंसर कहा जाता है। इसके अलावा, कैंसर का नाम मानव अंगों के आधार पर रखा जाता है। उदाहरण के लिए ब्रेस्ट कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, सर्विकल कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर इत्यादि शामिल हैं।
अकसर लोग कैंसर को लाइलाज बीमारी समझते हैं जिसके कारण वे इसका सही इलाज नहीं करा पाते हैं, लेकिन अगर उन्हें रेडिएशन थेरेपी की जानकारी होती, तो शायद वे भी बेहतर ज़िदगी जी पाते।
यदि आप भी रेडिएशन थेरेपी के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको इस लेख को जरूर पढ़ना चाहिए।
क्या है रेडिएशन थेरेपी?
रेडिएशन थेरेपी को रेडियोथेरेपी भी कहा जाता है। रेडिएशन थेरेपी कैंसर का इलाज करने का ऐसा तरीका है,जिसमें रेडिएशन किरणों (Radiation Rays) के माध्यम से कैंसर के सैल्स को समाप्त किया जाता है।
रेडिएशन थेरेपी कैंसर के सेल्स को खत्म करने के साथ-साथ कैंसर को शरीर के दूसरे अंगों में फैलने से भी रोकती है।
रेडिएशन थेरेपी को क्यों किया जाता है?
(Why radiation therapy is performed-in Hindi) रेडिएशन थेरेपी को इन 4 कारणों से किया जाता है, जो इस प्रकार हैं-
कैंसर का इलाज करना- रेडिएशन थेरेपी को मुख्य रूप से कैंसर का इलाज करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार, रेडिएशन थेरेपी कैंसर को ठीक करने का सबसे आसान तरीका साबित होती है।कैंसर के इलाज के अन्य तरीकों को कारगर बनाना- कई बार,रेडिएशन थेरेपी कैंसर के इलाज के अन्य तरीकों जैसे कीमोथेरेपी को कारगर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
किसी सर्जरी के साइड-इफेक्टस को कम करना- जब कोई व्यक्ति किसी भी सर्जरी को कराता है, तो अक्सर उसे उस सर्जरी के कुछ साइड इफेक्ट्स का भी सामना करना पड़ता है। इस स्थिति को रेडिएशन थेरेपी के द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है।
कैंसर होने की संभावना को कम करना- रेडिएशन थेरेपी कैंसर का इलाज करने के साथ-साथ भविष्य में कैंसर के होने की संभावना को भी कम करती है।
रेडिएशन थेरेपी कितने प्रकार की है?
ज्यादातर लोग इस बात से अनजान होते हैं कि रेडिएशन थेरेपी कई प्रकार की होती है। इसी कारण, जब कोई डॉक्टर उन्हें रेडिएशन थेरेपी के नाम के बारे में बताते हैं तो वे इस बात को समझ ही नहीं पाते हैं कि यह कौन-सी थेरेपी है।
अत: सभी लोगों को इन 3 रेडिएशन थेरेपी की जानकारी होनी चाहिए ताकि वे इसका निर्णय ले सकें कि उन्हें कौन-सी रेडिएशन थेरेपी करानी है-
एक्सर्टनल रेडियोथेरेपी (External Radiotherapy)- यह रेडिएशन थेरेपी का सामान्य प्रकार है, जिसे एक्सर्टनल रेडियोथेरेपी कहा जाता है। एक्सर्टनल रेडियोथेरेपी में रेडिशन बीन मशीन का इस्तेमाल करके कैंसर का इलाज किया जाता है।
ब्राच्यथेरेपी (brachytherapy)- जब कैंसर से पीड़ित व्यक्ति का इलाज कैंसर वाली जगह के आस-पास रेडियोएक्टिव मेटल का इस्तेमाल करके किया जाता है, तो उस प्रक्रिया को ब्राच्यथेरेपी (Brachytherapy) कहा जाता है।
रेडियोआइसोटोप थेरेपी (Radioisotope therapy)- रेडिएशन थेरेपी का अन्य प्रकार रेडियोआइसोटोप थेरेपी है। रेडियोआइसोटोप थेरेपी में व्यक्ति के खून में रेडियोएक्टिव लिक्विड को डालकर कैंसर का इलाज किया जाता है।
रेडिएशन थेरेपी को कैसे किया जाता है?
रेडिएशन थेरेपी का सेशन 1 हफ्ते से 10 हफ्ते तक 5 दिनों तक होता है। इसमें कुछ महत्वपूर्ण स्टेप शामिल होते हैं, जो इस प्रकार हैं-
- स्टेप 1: सी.टी.स्कैन करना- रेडिएशन थेरेपी की शुरूआत सी.टी स्कैन के साथ होती है। सी.टी स्कैन से व्यक्ति के शरीर में कैंसर वाली जगहका पता लगया जाता है।
- स्टेप 2: स्कीन पर इंक का मार्क बनाना- कैंसर वाली जगह का पता लगने के बाद इससे पीड़ित व्यक्ति की स्कीन पर इंक का मार्क बनाया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इस प्रक्रिया के दौरान इस बात का ध्यान रखा जा सके कि रेडिएशन थेरेपी को इंक मार्क बने हिस्से पर ही करना है।
- स्टेप 3: टेबल पर पेट के बल लैटाना- स्कीन पर इंक मार्क बनाने के बाद रेडिएशन थेरेपी को शुरू किया जाता है और इस दौरान व्यक्ति को टेबल पर पेट के बल लैटाया जाता है।
- स्टेप 4: रेडिएशन मशीन का इस्तेमाल करना- व्यक्ति को टेबल पर लैटाने के बाद उसके शरीर पर रेडिएशन मशीन का इस्तेमाल करके उसके शरीर में बिन डालकर उसकी बीमारी का इलाज किया जाता है।
- स्टेप 5: रिकवरी रूम में ले जाना- रेडिएशन थेरेपी को पूरे करने के बाद इसे कराने वाले व्यक्ति को रिकवरी रूम में ले जाया जाता है।
रेडिएशन थेरेपी की कीमत कितनी है?
यह सवाल उन लोगों के मन में जरूर आता है, जिन्हें डॉक्टर रेडिएशन थेरेपी कराने की सलाह देते हैं। उनके लिए रेडिएशन थेरेपी की कीमत जानना काफी जरूरी है क्योंकि इसका असर उसकी एक्नोमिक स्थिति पर पड़ता है। हो सकता है कि कुछ लोगों को रेडिएशन थेरेपी एक महंगी प्रक्रिया लगे और इसी कारण वे इसे न करा पाएं।
लेकिन, यदि उन्हें यह जानकारी हो कि यह एक किफ़ायती प्रकिया है, जिसकी कीमत मात्र रूपये 50,000 से रूपये 275,000 है तो शायद वे भी बेहतर ज़िदगी जी पातें।
रेडिएशन थेरेपी के साइड इफेक्ट्स क्या-क्या हैं?
(Side-effects of Radiation Therapy-Hindi) हालांकि, रेडिएशन थेरेपी से कैंसर से पीड़ित बहुत सारे लोगों को नई ज़िदगी मिली है, लेकिन फिर भी किसी भी अन्य प्रक्रिया की तरह रेडिएशन थेरेपी के भी कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं।
अत: रेडिएशन थेरेपी कराने वाले व्यक्ति निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है-
त्वचा का लाल पड़ना- चूंकि, रेडिएशन थेरेपी में रेडिएशन किरण (Radiation Rays) को स्कीन पर डाला जाता है, जिसकी वजह से त्वचा लाल पड़ जाती है। लेकिन, यदि यह समस्या लंबे समय तक रहे तो इसकी सूचना डॉक्टर को देनी चाहिए और इसका इलाज शुरू कराना चाहिए।
- थकान महसूस होना- अक्सर, ऐसा भी देखा गया है कि रेडिएशन थेरेपी कराने के बाद कुछ लोगों को थकान महसूस होती है।
- खुजली होना- यदि रेडिएशन थेरेपी के बाद किसी व्यक्ति को खुजली की समस्या से छुटकारा न मिले तो उसे बिना देर किए डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज कराना चाहिए।
- भूख न लगना- कुछ लोग रेडिएशन थेरेपी के बाद भूख न लगने की शिकायत करते हैं। आमतौर पर, इस समस्या का इलाज संभव है, लेकिन यदि लंबे समय तक इसका इलाज न हो तो यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
- मुंह में छाले होना- रेडिएशन थेरेपी के बाद लोगं के मुंह में छाले भी हो सकते हैं। हालांकि,इसे छालों की क्रीम या दवाई से ठीक किया जा सकता है, लेकिन कई बार यह गंभीर रूप भी ले सकती है।
रेडिएशन थेरेपी के बाद कौन-सी सावधानियां बरतें?
(Precautions after Radiation Therapy-Hindi) हालांकि, रेडिएशन थेरेपी के कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं, जिसकी वजह से लोगों काफी सारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है।
लेकिन, इसके बावजूद यह राहत की बात है कि रेडिएशन थेरेपी के बाद यदि कोई व्यक्ति इन 5 सावधानियों को बरते तो वह रेडिएशन थेरेपी के साइड इफेक्ट्स को कम कर सकता है-
- आराम करना- रेडिशन थेरेपी कराने वाले सभी लोगों को आराम करना चाहिए ताकि वे जल्दी से ठीक हो सके।
- साफ-सफाई रखना- रेस्ट करने के अलावा रेडिएशन थेरेपी के बाद लोगों को साफ-सफाई रखनी चाहिए। साफ-सफाई रखने से वे बहुत से वायरस से बचे रहने के साथ-साथ हेल्थी भी रहते हैं।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना- सभी लोगों के लिए पानी पीना बहुत जरूरी चीज़ है क्योंकि यह उनके शरीर को Dehydration से बचाता है। इसी कारण, रेडिएशन थेरेपी के बाद लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए ताकि उसे कोई हेल्थ प्रॉब्लम न हो।
- सेक्स न करना- चूंकि, रेडिएशन थेरेपी के बाद लोगों को सेक्स करने से बचना चाहिए क्योंकि उसके साथी को हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है।
- डॉक्टर के संपर्क में रहना- यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है जिसका पालन रेडिएशन थेरेपी कराने वाले सभी लोगों रखना चाहिए। उन्हें तब तक डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए जब तक वे उसे पूरी तरह से सेहतमंद घोषित न कर दें।
पहले के ज़माने में कैंसर जैसी बहुत सारी बीमारियां थी, जिनके इलाज के तरीके काफी कम थे और इसी कारण इनकी वजह से बहुत सारे लोगों को अपनी ज़िदगी से हाथ धोना पड़ता था। लेकिन, अभी यह तस्वीर काफी हद तक बदल चुकी है और अभी कैंसर का इलाज भी किया जा सकता है। रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therepy) भी ऐसा ही एक इलाज का तरीका है, जो कैंसर को ठीक करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
चूंकि, लोगों में कैंसर को लेकर काफी सारी दुविधा है, इसी कारण वे इसका सही इलाज नहीं करा पाते हैं। इसी कारण, यह जरूरी है कि लोगों की इस दुविधा को दूर की जाए और उन्हें यह जानकारी दी जाए कि वे रेडिएशन थेरेपी को अपनाकर कैंसर की बीमारी का इलाज कर सकते हैं।
इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा क्योंकि इसमें हमने रेडिएशन थेरेपी की आवश्यक जानकारी देने की कोशिश की है।
यदि आप या आपकी जान-पहचान में कोई व्यक्ति किसी बीमारी या उसके संभावित इलाज के तरीकों की अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहता है, या ऐसे अस्पताल के बारे में जानना चाहता जहां रेडीशन थेरेपी की सुविधा बहुत किफ़ायती कीमत पर उपलब्ध है तो वह इसके लिए +91 8979959449 पर कॉल करके मुफ्त सलाह प्राप्त कर सकता है।
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