ट्रांस हिंडन क्षेत्र में साहिबाबाद के शहीद नगर में बिल्डरों द्वारा अवैध रूप से फ्लैट बनाकर बिना रजिस्ट्री लोगों को फ्लैट मालिक बना दिया। जांच के बाद सभी फ्लैट मालिकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इन फ्लैट मालिकों को अब स्टाम्प ड्यूटी शुल्क के साथ उतना ही जुर्माना अदा करना होगा। इस मामले में फ्लैट बनाकर बेचने वाले दो बिल्डरों के खिलाफ पहले ही मुकदमा दर्ज हो चुका है।
इस मामले में एक अज्ञात व्यक्ति की ओर से शिकायत की गई थी कि शहीदनगर में छह भूखंडों पर बिल्डरों ने अवैध रूप से फ्लैट व दुकानें बना डाली। इतना ही नहीं इनकी बिक्री मात्र 100 रुपये के स्टाम्प शपथ पत्र देकर कर दी गई। इसके लाखों रुपये के स्टाम्प शुल्क की चोरी की गई। शिकायत के बाद मामले की जांच की गई। इसके बाद विद्युत निगम के इन फ्लैट व दुकानों में कनेक्शन लेने के लिए जमा किए गए दस्तावेज मांग गई। निगम के अधिकारी कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सके। इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई।
जिलाधिकारी के आदेश पर इन सभी संपत्तियों की मौके पर जांच कराने के डिप्टी रजिस्ट्रार तृतीय सुरेश चंद्र पहुंचे। वहां जांच के दौरान किसी भी फ्लैट मालिक के पास रजिस्ट्री नहीं मिली। इसके बाद टीम ने एक सप्ताह में सभी फ्लैट मालिकों को अपने दस्तावेज उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे। आदेश के बावजूद किसी भी फ्लैट मालिक ने अपनी रजिस्ट्री की दस्तावेज विभाग को उपलब्ध नहीं कराए। इसकी रिपोर्ट सहायक महानिरीक्षक निबंधन केके मिश्रा को दी गई। इसके बाद डीएम के आदेश पर सभी फ्लैट मालिकों के खिलाफ स्टांप चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
इस मामले में विद्युत निगम से रिपोर्ट मांगी गई है। बड़ी संख्या में बिल्डरों ने एक भूखंड पर बहुमंजिला इमारत बना दी है। दो सौ वर्ग गज के प्लॉट पर छह से आठ फ्लैट बनाकर बेच रहे हैं। खास बात यह है कि इन फ्लैट की रजिस्ट्री तक नहीं कराई गई है। लोग केवल शपथ पत्र के सहारे मकान मालिक बने हुए हैं। ऐसे में सभी फ्लैट पर विद्युत कनेक्शन लिए हुए हैं। विद्युत कनेक्शन लेते समय लोगों के अपने फ्लैट के दस्तावेज भी लगाए हैं।
लगातार हो रहे स्टाम्प चोरी के मामले को देखते हुए जिलाधिकारी ने पिछले एक साल में जितने भी बैनामे हुए उन सभी की जांच कराने के आदेश दिए हैं। लोग कृषि भूमि की दर पर बैनामे कराकर उस पर आवासीय गतिविधियां कर रहे हैं। ऐसे मामले में बड़ी मात्रा में स्टाम्प चोरी की जा रही है। जिलाधिकारी के आदेश पर अब किसी भी बैनामे की सूचना एक सप्ताह के भीतर तहसीलदार को देनी होगी।
सहायक महानिरीक्षक (निबंधन) के मिश्रा ने बताया कि बिना रजिस्ट्री के कोई व्यक्ति किसी भी मकान का मालिक नहीं हो बन सकता। विभाग का काम जांच करना है कि स्टाम्प ड्यूटी शुल्क नियमानुसार दिया गया है या नहीं। यदि उमसे कोई गड़बड़ी की गई है तो संबंधित व्यक्ति से जुर्माने से साथ शुल्क वसूल किया जाता है।
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