उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ एवं आगजनी की घटनाओं के बाद अब ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां हो रही हैं। आज भी इन जिलों में पुलिस हाई अलर्ट पर है और कई क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बाधित रखी गई है। हिंसा में चिह्नित अराजक तत्वों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।
शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जिलों में उग्र प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान पथराव व आगजनी की घटनाएं बेकाबू हो जाने के बाद कई स्थानों पर पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इन प्रदर्शनों में शुक्रवार को 14 लोगों की मौत हो जाने की सूचना है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस संख्या की पुष्टि नहीं की जा रही है। हिंसक झड़पों में सबसे ज्यादा पांच लोगों के मारे जाने की सूचना मेरठ से प्राप्त हो रही है। इसके साथ ही कानपुर, बिजनौर व फिरोजाबाद में दो-दो तथा संभल, मुजफ्फरनगर, वाराणसी व संभल में एक-एक प्रदर्शनकारी की मौत होने की सूचना है। इससे पहले गुरुवार को लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिसके बारे में पुलिस का कहना है कि वह प्रदर्शनकारियों की ही गोली से मारा गया है।
डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कुछ जिलों में प्रदर्शनकारियों ने सुनियोजित रूप से पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया एवं वाहनों में तोड़फोड़ की। इन घटनाओं में 38 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
प्रभावित जिलों में उपद्रवियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की जा रही है। अब तक लगभग 4 हजार उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है। प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय शनिवार को बंद कर दिए गए हैं। कल रविवार का अवकाश रहेगा। इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं। ज्यादातर जिलों में धारा 144 लागू है। शासन का कहना है कि जिलाधिकारी अपने स्तर से हालात की समीक्षा करने के बाद धारा 144 हटाने के बारे में फैसला ले सकते हैं।
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