जिलाधिकारी गाज़ियाबाद कार्यालय पर तैनात एक महिला क्लर्क को रिश्वत ले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील की ओर से की गई शिकायत पर भ्रष्टाचार निवारण शाखा(एसीबी), मेरठ की विजिलेंस टीम ने यह कार्रवाई की। टीम ने प्लान के मुताबिक शिकायतकर्ता को केमिकल लगे नोट देकर रिकॉर्ड रूम में करीब 50 वर्षीय लिपिक दुर्गेश नंदिनी के पास भेजा था। बाद में विजिलेंस टीम के अधिकारियों ने करीब 50 वर्षीय महिला लिपिक के हाथ धुलवाए।
एसीबी ने कविनगर थाने में आरोपित लिपिक को दाखिल किया और इंस्पेक्टर चंद्रभान शर्मा की ओर से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आरोपित लिपिक से 800 रुपये बरामद हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के चैंबर नंबर-37 में प्रैक्टिस करने वाले एडवोकेट अभिषेक शर्मा ने बताया कि उन्होंने 2008 में सिजरा दुरुस्ती के एक केस में आए फैसले की सर्टिफाइड कॉपी के लिए 15 नवंबर को आवेदन दिया था। 30 नवंबर को वह कलक्ट्रेट के कक्ष संख्या-317 में राजस्व विभाग के अभिलेखागार में पहुंचे तो फाइल अरेंजर दुर्गेश नंदिनी नहीं मिलीं। पांच दिसंबर को दोबारा गए तो आठ पेज की कॉपी उन्हें दुर्गेश ने दे दी। मगर जाते समय 100 रुपये प्रति पेज के हिसाब से फीस के रूप में 800 रुपये की मांग की। अभिषेक इनकार कर फाइल लिए बिना लौट आए। नौ दिसंबर को उन्होंने एसीबी, मेरठ में शिकायत की और मंगलवार दोपहर बाद टीम कलक्ट्रेट पहुंच गई।
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